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फुटबॉल के जादूगर पीके बनर्जी का हुआ निधन, हॉस्पिटल मे ली अंतिम सांस…

भारत के विख्यात फुटबॉलर रहे पीके बनर्जी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को कोलकाता में देहांत हो गया, वह 83 वर्ष के थे. बनर्जी के परिवार में उनकी बेटी पाउला और पूर्णा हैं, जो जानी मानी शिक्षाविद् हैं. उनके छोटे भाई प्रसून बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वर्तमान सांसद हैं.

1962 के एशियाई खेलों के गोल्ड मैडल जीतने वाले तेज तर्रार स्ट्राइकर पीके (प्रदीप कुमार) बनर्जी निमोनिया के चलते सांस की बीमारी से जूझ रहे थे. उन्हें पार्किंसन, डिमेंशिया और दिल की बीमारी भी थी. वह भारतीय फुटबॉल के गोल्डन पीरियड के साक्षी रहे थे.

पीके बनर्जी

पीके बनर्जी कोलकाता के एक हॉस्पिटल में 2 मार्च से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे और शुक्रवार दोपहर 12.40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. 23 जून 1936 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के बाहरी इलाके मोयनागुरी में जन्मे बनर्जी का परिवार देश के बंटवारे से पहले उनके चाचा के पास जमशेदपुर आ गया था.

पीके बनर्जी ने नेशनल टीम के लिए 84 मैचों में 65 अंतरराष्ट्रीय गोल किए थे. 1992 में जकार्ता एशियाई खेलों में गोल्ड मैडल जीतने के अलावा, बनर्जी ने 1960 के रोम ओलंपिक में भारत का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने फ्रेंच टीम के खिलाफ बराबरी का गोल दाग मैच को 1-1 से ड्रॉ करवाया था. इससे पहले बनर्जी ने 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारत का नेतृत्व किया था और क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर 4-2 से जीत में अहम भूमिका निभाई थी.