मासिक धर्म महिलाओँ के लिए एक अभिशाप बन चुका है। एक तरफ मासिक धर्म के दौरान महिलाओँ को हीन दृष्टि से देखा जाता है तो कहीं लोग खून निकालने वाली देवी कामख्या को पूजते है। पता नहीं महावारी को लेकर समाज की क्या विचार धारा है। अंधविश्वासों के घिरे इस देश में महावारी के दौरान महिलाओँ को मंदिरो में प्रवेश करने से रोका जाता है। और उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाता है। जानिए आखिर क्यों?…
मासिक धर्म को लेकर महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश वर्जित होता है। इस दौरान महिलाओं के साथ होने वाले छआछूत को लेकर कई बार विवाद होता रहा है लेकिन अभी
तक कोई समाधान नहीं निकाला गया। वहीं दूसरी तरफ कामख्या देवी को रक्तस्त्राव देवी के रूप में पूजते है। हिंदू धर्म में नहीं अन्य धर्मो में भी महावारी के दौरान महिलाओँ पर कई तरह की पांबदी लगाई जाती है। उन्हें अपवित्र हीन माना जाता है।
हिंदू धर्म
इस धर्म में महावारी के दौरान मंदिर, रसोई घर, और शुभ कार्यों से 4 से 5 दिन दूर रखा जाता है। इसके साथ ही उन्हें सोने और खाने के लिए अलग जगह पर रखा जाता है।
सिख धर्म
सिख धर्म में अन्य धर्मों की तुलना में महिलाओँ पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होता है। उनके अनुसार इसांन का जीवन महिलाओँ के खून और मर्दो की वीर्य से ही मिलकर बनता है इसलिये वे अशुद्ध और अपवित्र नहीं हो सकता है। वे बिना किसी रोक के सभी कार्यों को करती है।
मुस्लिम धर्म
इस धर्म मे जब महिलाएं माहवारी को पहर से गुजरती है तो उनके समीप मर्दों को जाने से रोका जाता है। साथ ही महिलाओं को नापाक और अपवित्र माना जाता है। रमजान के शुभ महीनों के दौरान धार्मिक स्थलों में प्रवेश, नमाज पढ़ाने की अनुमति नहीं होती है।
ईसाई धर्म
अन्य धर्म की भाति ईसाई धर्म में भी महावारी के दौरान महिलाओँ को मासिक धर्म झोपडी में रहना होता है हर महिलाओँ को इस अवस्था के समय मासिक धर्म नामक एक अलग घर में रहना होता था। उन्हें 4 से 5 दिन झोपड़ी से बाहर निकालने की अनुमति नहीं होती है। इनके अनुसार जिन स्त्री को स्त्राव हो रहा है वो सुअर के मांस की बराबर अशुद्ध है। उन्हें हर शुभ कार्यों से दूर रखा जाता है। ना वो खाना पका सकती है न ही घर और मंदिर में प्रवेश कर सकती है।
वैज्ञानिक तथ्यो के अनुसार इस दौरान महिलाओँ का आराम करने की सलाह दी जाती है। क्यों कि महावारी के दौरान महिलाओं को पेट में दर्द होता रहता है जिसके वो घर का काम करने मे असमर्थ होती है। इस बात को ध्यान में रखा उन्हें काम न करने की सलाह दी गई है।