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फिर संकट में कर्नाटक सरकार, दर्जनों विधायकों ने दिया इस्तीफा, कई और भी दे सकते हैं त्यागपत्र

बेंगलुरु। कर्नाटक में राजनीतिक घमासान का दौर एक बार फिर शुरु हो गया है। राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के 13 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। पार्टी विधायकों के इस कदम के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है। उधर, खबर यह भी है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, बीजेपी को कर्नाटक में चुनी गई सरकार हजम नहीं हो रही है। इसलिए वह हमारे विधायकों को खरीदकर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को अस्थिर करना चाहती है। देश में आया राम, गया राम यानी खरीद फरोख्त की राजनीति शुरू हो गई है। भारतीय लोकतंत्र को नीचा करने का भाजपा का प्रयास सफल नहीं होगा।’

अमेरिका से आज लौट रहे कुमारस्वामी

सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी आज अमेरिका से लौट रहे हैं। इस बीच, इस्तीफा देने वाले बागी विधायकों को मुंबई भेज दिया गया है। इन सभी विधायकों को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में सोफीटेल होटल में ठहराया गया है। अभी तक विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। विधानसभा स्पीकर जल्द फैसला लेंगे। विधानसभा सत्र 12 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। दिल्ली में कोर ग्रुप की बैठक में हुई जिसमें खड़गे को बेंगलुरु भेजने का फैसला किया गया।

इन विधायकों ने दिया इस्तीफा

कांग्रेस के आठ विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इनमें  प्रतापगौड़ा पाटील (मस्की), बी.सी. पाटील (हिरेकेरुर), रमेश जरकीहोली (गोकक), शिवराम हेब्बर (येल्लापुर), महेश कुमताहल्ली (अथानी), रामालिंगा रेड्डी (बीटीएम लायौट), एस.टी. सोमशेकर (यशवंतपुर) और एस.एन. सुब्बा रेड्डी (कोलार में केजीएफ) शामिल हैं। इसके अलावा जेडीएस के तीन विधायक शामिल है। इन तीन विधायकों में ए.एच. विश्वनाथ हुनसुर, एन. नारायणा गौड़ा के.आर. पेटे और गोपालैया (बेंगलुरू उत्तरपश्चिम में महालक्ष्मीम) शामिल हैं।

यद्यपि जरकीहोली ने पहली जुलाई को ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था, क्योंकि यह उनके कार्यालय को फैक्स के जरिए भेजा गया था, जो प्रक्रिया के खिलाफ है।कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने भी पहली जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। चूंकि उन्होंने अपना इस्तीफा खुद जाकर विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था, लिहाजा इसे उन्होंने स्वीकार किया था।

चूंकि विधायकों की मुलाकात विधानसभा अध्यक्ष से उनके कार्यालय में नहीं हो पाई, इसलिए वे अपने इस्तीफे के निर्णय से राज्यपाल वजुभाई वाला को अवगत कराने के लिए राजभवन गए।विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने इस बावत संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, “मुझे मेरे निजी सचिव से पता चला है कि 11 विधायकों ने मेरे कार्यालय में त्याग-पत्र दे दिए हैं। उन्हें उसकी पावती दे दी गई। मैं उन्हें मंगलवार (9 जुलाई) को देखूंगा क्योंकि सोमवार को मैं छुट्टी पर हूं।”

तीन और विधायक दे सकते हैं इस्तीफा

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के तीन और विधायक कथित तौर पर इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं। इनमें रेड्डी की बेटी सौम्या(जयानगर), बयारती बासवराज (के.आर. पुरम), और मुनिरत्ना (आर.आर. नगर) शामिल हैं। कांग्रेस सूत्रों ने नई दिल्ली में कहा कि राज्य के प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल इस समय केरल में हैं और वह बेंगलुरू पहुंच रहे हैं तथा शाम को कांग्रेस विधायकों से मिलेंगे।

कर्नाटक विधानसभा का गणित

कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच अधिक थी। इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जद (एस) के 37 और और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं। तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है।विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं।