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ज्यादती को बर्दाश्त नहीं करेगा चिकित्सक वर्ग: डा. वेद बैनीवाल

राजस्थान के लालसोट में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना को बताया निंदनीय
सिरसा।(सतीश बंसल )-. राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते चिकित्सक वर्ग भय के साए में जीवन बसर कर रहा है। चिकित्सक वर्ग के साथ हो रही ज्यादती को अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वर्तमान में लालसोट में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। उक्त बातें आईएमए हरियाणा के सरंक्षक डा. वेद बैनीवाल ने बुधवार को रानियां रोड स्थित आईएमए भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। डा. बैनीवाल ने कहा कि प्राचीन समय में लोग डॉक्टर को भगवान मानते थे, लेकिन वर्तमान में समाज के चंद लोगों द्वारा डॉक्टर व जनता के बीच में इस कदर दूरियां पैदा कर दी गई हैं, जिसकी फिर से भरपाई करना कठिन जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के लालसोट में महिला चिकित्सक डा. अर्चना शर्मा ने परिजनों के कहने पर डिलीवरी के दौरान मरने वाली महिला का उपचार किया था। यही नहीं परिजनों ने जो राशि चिकित्सक के पास जमा करवाई थी, वो भी उन्हें वापस दे दी गई और परिजन शव लेकर संस्कार के लिए चले गए। तभी एक दलाल ने परिवार के लोगों को महिला चिकित्सक के खिलाफ भड़काया और शव को अस्पताल के सामने लाकर धरना लगा दिया। इसके बाद उसी दलाल ने थाने में जाकर महिला चिकित्सक के खिलाफ 302 का केस दर्ज करवा दिया।

जब महिला चिकित्सक ने अगले दिन केस संबंधी समाचार पढ़ा तो उसके सब्र का बांध टूट गया और उसने एक चार लाइन का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली। महिला चिकित्सक ने लिखा कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है। उसकी लास्ट लाइन थी कि चिकित्सकों को बेवजह परेशान करना बंद किया जाए, जिसने चिकित्सा वर्ग को एक संदेश दिया कि अब अन्याय को सहने का वक्त नहीं है। इस मौके पर आईएमए के जिला प्रधान डा. आशीष खुराना ने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि सरकार एपेडमिक एक्ट को निरंतर जारी रखे। अस्पताल के आगे शव रखकर धरना लगाने की घटनाओं को देखते हुए सरकार ठोस कदम उठाए और डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करवाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एसपी व डीसी को भी ज्ञापन दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगाया जा सके और डॉक्टर व आमजनता के बीच फिर से उसी रिश्ते को बरकरार रखा जा सके। इस मौके पर आईएमए के पूर्व प्रधान डा. जी के अग्रवाल व सचिव डा. आशीष अरोड़ा भी उपस्थित थे। आईएमए के पूर्व प्रधान व कमेटी के प्रधान डा. जीके अग्रवाल ने बताया कि आईएमए द्वारा वर्ष 2022 केलिए गांव खैरेकां को गोद लिया गया है। उन्होंने बताया कि आईएमए की ओर से गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों के प्रति जागरूक किया जाएगा। डा. अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में नशे का प्रचलन बहुत अधिक है, ऐसे में स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को नशे व उससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि वो नशे से स्वयं भी दूर रहें और अन्य युवाओं का भी नशे के प्रति जागरूक करें। इसके अलावा महिलाओं के लिए भी विशेष शिविर लगाकर महिला चिकित्सकों द्वारा उचित परामर्श दिया जाएगा। माह में दो बार आईएमए की अलग-अलग टीमें गांव में जाएंगी और शिविर लगाकर ग्रामीणों को बिमारियों के प्रति जागरूक करेंगी।