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कोर्ट ने निरस्त किया जमानतनामा माफिया मुख्तार के दो जमानतदारों ने वापस ली अपनी जमानत ।

बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं l इस बार मुख्तार को एमपी एमएलए कोर्ट से उनकी जमानत को लेकर जोरदार झटका लगा है l बता दें कि 12 साल पहले उनके ऊपर हुए मुकदमें में उनके ही दो जमानतदारों ने अपनी जमानत वापस ले ली है l जिसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके प्रार्थनापत्रों को स्वीकार करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक श्रीवास्तव ने उनकी ओर से दिए गए जमानतनामा को निरस्त करने का आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई  22 सितंबर को निर्धारित करते हुए कोर्ट ने मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया है

2009 में गाजीपुर दर्द हुआ था मुकदमा- गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में वर्ष 2009 में बाहुबली मुख्तार पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था l मुकदमे के दौरान मुख्तार के ऊपर हत्या के प्रयास और आपराधिक षड्यंत्र के साथ ही धमकी देने से संबंधित अलग-अलग धाराएं लगाई गई थी l

सोरांव के रहने वाले थे मुख्तार के जमानतदार- मुख्तार के ऊपर हुए इस मुकदमे में उनके जमानतदार सोरांव के चंदापुर के दो सगे भाई थे l जिन्होंने कुछ दिन पहले किसी कारणवश कोर्ट के समक्ष प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से याचना की थी कि वह अपनी जमानत वापस लेना चाहते हैं l दोनों भाइयों द्वारा दिए गए इस प्रार्थना पत्र पर सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार गुप्ता की बात सुनने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके जमानतनामा को निरस्त करने का  आदेश दिया।