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258 करोड़ रुपए के मुआवजे पर सीएम ने नहीं दिया कोई संतोषजनक जवाब: बीकेई बीकेई ने सीएम के समक्ष रखी किसानों की प्रमुख मांगें

सिरसा। ।(सतीश बंसल)   भारतीय किसान एकता के अध्यक्ष लखविंदर सिंह, इकबाल सिंह वैदवाला, अंग्रेज सिंह
कोटली, गुरलाल सिंह भंगू, कृष्ण कुमार धेतरवाल की अध्यक्षता में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री
मनोहर लाल से मिला और किसानों की मांगों संबंधी एक मांग पत्र सीएम के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने किसानों के
बकाया 258 करोड़ रुपए के मुआवजे को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जबकि अन्य मांगों के समाधान
के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री को दिए मांग पत्र में किसान नेताओं ने बताया कि खरीफ –
2020 और 2021 के बीमा क्लेम से काफी किसान वंचित हैं और कई किसानों की बीमा क्लेम राशि कम आई है।
इसमें चाहे बैंक कर्मी की कमी हो या कोई अन्य कारण हो, उन सभी कमियों को तुरंत दूर कर क्लेम राशि दी जाए।
वर्ष 2021 में मौसम खराब होने की वजह से गेहूं की उपज बहुत ही कम हुई थी, जिस कारण सभी किसानों को भारी
नुकसान उठाना पड़ा था। विभाग की ओर से क्रॉप कटिंग के अनुसार फसल का आंकलन कर मुआवजा दिया जाए।

भारी बरसात से खराब हुई नरमा, कपास, मूंग, ग्वार व अन्य सभी फसलों की स्पैशल गिरदावरी करवाकर
मुआवजा जारी किया जाए। ब्लॉक स्तर पर बीमा कंपनियों के सुविधा केंद्र खोले जाएं, जिन बैंकों में किसानों के
केसीसी खाते हैं, उन सभी बैंकों में किसान हेल्प डेस्क लगाया जाए। वर्ष 2020 का 258 करोड़ रुपए का बकाया
मुआवजा दिलाया जाए। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार बीमा कंपनी तय समय पर बीमा प्रीमियम काट लेती है,
उसी तर्ज पर किसानों को बीमा क्लेम देने की तारीख निश्चित की जाए। जिन किसानों की पिछले कई वर्षों से
ट्यूबवैल के कनेक्शन के लिए विभाग में फाइल जमा है, उन्हें बिना शर्त के कनेक्शन जारी किया जाए। सभी नहरों
और नालों की सफाई करवाई जाए व टेल तक पानी पहुंचाया जाए। बिजली विभाग में भ्रष्टाचार बंद हो और प्राइवेट
ठेकेदारों की गुंडागर्दी पर लगाम लगाई जाए।  बहल की फर्म अग्रवाल ट्रेडर्स पर तुरंत कार्रवाई की जाए। क्षेत्र में बढ़
रहे नशे पर लगाम लगाई जाए और शहर में बढ़ रहे हुक्का बारों को बंद करवाया जाए। उन्होंने बताया कि नाथूसरी
चौपटा क्षेत्र में सेम के कारण किसानों की फसलों व मकानों का बहुत नुकसान हो रहा है। उनके क्षतिग्रस्त मकानों
व खराब हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए और सेम का स्थाई हल निकाला जाए। काडा द्वारा जो अब नहरी

खालों के निर्माण की बजाय पाइप लाइन डाली जा रही है, उसका लेवल ठीक नहीं होने के कारण किसानों को खेतों
में पानी लगाने के लिए बरमे का प्रयोग करना पड़ रहा है, जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस कार्य में कोताही की है, उन पर कार्यवाही की जाए। ओढां रैली में सीएम ने
घोषणा की थी कि ओटू झील की सफाई 1 माह के अंदर-अंदर करवा दी जाएगी। परंतु आज तक कई महीने बीत
जाने के बावजूद ओटू झील से एक ट्राली मिट्टी तक नहीं उठाई गई है और ना ही सफाई करवाई गई है। जिससे
पानी जमा नहीं हो पाया और किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कालांवाली रोड रेलवे
ओवरब्रिज का टेंडर 28 जुलाई 2018 को हुआ था, जिसका 4 साल बीतने के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य पूरा
नहीं किया गया। इसमें कार्यकारी अभियंता कमलजीत सिंह राणा की भूमिका भी संदिग्ध है, इसकी उच्च स्तरीय
जांच करवा कर निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए। सिरसा जिला के कई गांवों व ढाणियों के रास्ते के
बीचों बीच बिजली की लाइनें में खंबे लगे हुए हैं जिस कारण जानमाल का नुकसान होने का हर समय भय बना
रहता है। इन खंभों को तुरंत हटाया जाए।  सभी ढाणियों को 24 घंटे बिजली सप्लाई दी जाए। ओटू हैड पर हिसार के
घग्गर ड्रेन के पानी की निकासी के लिए साइफन बनाया जाए, जिससे शेरांवाली फ्लडी नहर व एसलीसी नहर की
सप्लाई बाधित ना हो। साइफन न होने की वजह से ही इन नहरों की सप्लाई बंद कर दी जाती है और किसानों को
पानी नहीं मिलता। उन्होंने सीएम के संज्ञान में लाया कि जिल में दिनों दिन आवारा पशुओं की समस्या गहराती जा
रही है, इसके लिए इन पशुओं के रहने का अभी से उचित प्रबंध किया जाए, जिससे कि आने वाले धुंध के मौसम में
रोड एक्सीडेंट ना हो। गांव जसानिया में काडा फतेहाबाद द्वारा एक पाइप लाइन मोगा नंबर 19875 लेफ्ट रामपुरा
माइनर पर डाली गई थी, जिसका लेवल ठीक ना होने के कारण खेतों में पानी नहीं लग रहा और किसानों द्वारा
बरमा लगाकर पानी फसलों तक पहुंचाया जाता है। कार्य ठीक नहीं करने वाले ठेकेदार, कर्मचारी व अधिकारी के
खिलाफ  कार्यवाही की जाए और पाइप लाइन का लेवल सही करवाया जाए।