नई दिल्ली। दाती महाराज और उसके तीन भाइयों के खिलाफ रेप मामले में मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूरक चार्जशीट दाखिल किया है। सीबीआई ने कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में पूरक दाखिल किया।
दरअसल इस मामले में अंतिम मौका दिए जाने के बाद भी सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल नहीं किया। सुनवाई के दौरान जब सीबीआई ने और समय देने की मांग की तो कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। 3 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट भी दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था। जब हाईकोर्ट ने आरोप पत्र में पुलिस को अब तक दाती महाराज को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिलने की बात देखी तो वो नाराज हो गया। तब हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए इस मामले में पूरक आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया था।
पिछले 15 फरवरी को साकेत कोर्ट ने पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए और समय देने की सीबीआई की मांग को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए तीन मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया था।
दाती महाराज को 22 जनवरी 2019 को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दाती महाराज और उसके तीन भाईयों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे । वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि वे पीड़िता और उसके परिजनों से संपर्क नहीं करेंगे। कोर्ट ने दाती महाराज को कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश जाने पर रोक लगाई है।
दाती महाराज ने सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि आप हाईकोर्ट जाइए। उसके बाद दाती महाराज ने हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने पिछले 14 नवंबर को सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ दाती महाराज के रिव्यू पिटीशन को भी खारिज कर दिया था।
पिछले 20 मार्च को दाती महाराज को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस जारी किया था।