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लखनऊ: अमीनाबाद के दुकनदार कशिश सोनकर ‘चाँद बाबू’, पत्नी मंदाकिनि को कोर्ट ने लगाई लताड़

लखनऊ: क्राइम पेट्रोल अंदाज में छोटे भाई की पत्नी को एक पुत्र को जन्म न दे पाने के लिए मानसिक उत्पीड़न करने वाले दंपती कशिश सोनकर उर्फ चाँद बाबू और उसकी बीवी मंदाकिनि को हाइ कोर्ट से लेकर निचली अदालत ने लताड़ लगाई है। नहीं दी बेल।

कोर्ट ने कहा गंदे आरोपो में लिप्त लोगों को कोई राहत नहीं। ऐसी सनक वालों को पूरा करना होगा ट्रॉयल ।

अमीनाबाद की स्वदेशी मार्किट में रेड़ी लगाने वाले चाँद बाबू के पूरे परिवार पर — पत्नी मंदाकिनी, बहन मीनाक्षी, 70 वर्षीय माँ कमलेश और छोटे भाई करन — 307 समेत आधा दर्जन से ज़ादा आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।

ये पूरा परिवार अपनी छोटी बहू नयन पर एक नीच काम में सहयोग के लिए दबाव बना रहा था ।

पुत्र प्राप्ति के लिए चाँद, पत्नी मंदाकिनि संग करन की दूसरी शादी करा रहा था । पिछले तीन साल से पूरा परिवार नयन को मानसिक रूप से टार्चर कर इस अमानवीय काम में साथ न देने के लिए जान से मार कर आत्माहत्या का रूप देने की फिराक में था।

पूरा मामला समाज और दुनिया के सामने अगस्त 2022 में आगया जब नयन को आखिरी बार जान से मारने की कोशिश हुई ।

पानी सर से ऊपर जाता देख नयन ने अपने घर वालो को स्वयं पर हो रहे अन्याय की जानकारी दी जिसके उपरांत उसे बचाया गया।

कोर्ट से बेल के रूप में रहम मांगने गए इस सनकी परिवार को 19 दिसंबर को लखनऊ कीबनिचली अदालत से लात पड़ी है । अब इन सबके जेल जाने के रास्ते खुल गए है। अधिकतम सज़ा 7 वर्ष की हो सकती है।

इस से पहले उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी बेल की अर्जी को मामले की सांगीनता देखते हुए खारिज कर दिया था ।

चाँद ऐसी घिनौनी हरकत को सही ठहराने के लिए पीड़िता को उदाहरण देता था ।

उसके मुताबिक, उसकी माँ कमलेश का भी पहले पति को बच्चों सहित छोड़ भाग चाँद के पिता राज किशोर सोनकर से बुढ़ापे में दूसरा ब्याह रचाने का इतिहास है। चाँद की बहन मीनाक्षी भी एक से अधिक विवाह कर चुकी है ।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ वर्ष पूर्व चाँद भी दूसरी शादी करने को उतावला था किंतु समाज स्तर पर बात खुलने से जूतों की माला भेंट स्वरूप मिली थी।