कैंसर की मरीजों और उनके परिजनों के लिये एक राहत की खबर है. कैंसर के पीड़ित लोग एलोपैथी के साथ आयुर्वेद चिकित्सा से अपना इलाज करा सकते हैं.
आज हम आपको कैंसर जैसे असाध्य रोग का इलाज करने वाले वैद्य के बारे में बताने जा रहे हैं.
इस गांव में मिलती है कैंसर की दवा
महाराष्ट्र के बैतूल जिले की ख्याति वैसे तो सतपुड़ा के जंगलों की वजह से हैं, लेकिन यहां के जंगलों में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी को खत्म कर देने वाली बहुमूल्य जड़ी बुटियां मिलने से भी यह देशऔर विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दवा लेने के लिये यहां बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं.
वैद्य जी नहीं लेते रुपये
घोड़ा़डोंगरी ब्लॉक के गांव कान्हावाड़ी में रहने वाले भगत बाबूलाल पिछले कई साल से जड़ीबुटी और औषधियों के द्वारा कैंसर जैसी बीमारी से लोगों को छुटकारा दिलाने में लगे हुए हैं. इस नेक कार्य के बदले में लोगों से वे एक रुपये तक नहीं लेते हैं. कैंसर बीमारी से निजात के लिये यहां लोग प्रत्येक रविवार और मंगलवार को आते हैं.
परहेज अतिआवश्यक हैं
भगत बाबू लाल जो जड़ी बूटी देते हैं उसका असर परहेज करने पर ही होता है. जड़ी बूटियों सेइलाज के दौरान चिकन मटन शराब और कई सब्जियां खानी मना होती हैं. जिसका पालन करना होता है. तभी ये जड़ी बूटी कारगर साबित होती है. वैसे जिन लोगों ने नियम से इस दवा का सेवन किया है उन्हे काफी हदतक छुटकारा मिला है. बताया गया है भगत बाबूलाल सुबह से शाल तक खड़े होकर ही मरीजों को देखते हैं. इजाल के मामले में वे इतने सिद्धहस्त हो चुके हैं कि नाड़ी पकड़कर ही मर्ज और इलाज बता देते हैं.