Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक के आह्वान पर बीकेई ने सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन

सिरसा

संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक के आह्वान पर हरियाणा व पंजाब में जिला
मुख्यालयों पर किए जा रहे प्रदर्शन की कड़ी में सिरसा में बीकेई की अध्यक्षता में किसानों ने हाल ही में बरसात व
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की तुरंत गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के
नाम जिला उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। जिलेभर के किसान सुबह से ही लघु सचिवालय में एकत्रित होना शुरू हो
गए थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने की। औलख ने बताया कि हाल ही में
बेमौसमी बारिशए तेज हवाओं व ओलावृष्टि के कारण पूरे राज्य में गेहूं, सरसों, जौ, सब्जियों, हरा चारा व बागवानी
सहित रबी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार बजाय किसानों को कागजों में उलझाने
के अपने स्तर पर गिरदावरी करवाकर तुरंत मुआवजा राशि जारी कर किसानों को राहत पहुंचाने का काम करे।
लखविंद्र सिंह औलख ने पीडि़त किसानों के रिश्तेदारों से आह्वान किया कि वे अपने रिश्तेदारों के जिनकी फसलें
नष्ट हो चुकी हैं के लिए खाद-बीज से लेकर चारे तक की व्यवस्था के लिए सहयोग करें, ताकि विपदा की इस घड़ी
में उनकी सहायता हो सके।


ये है किसानों की मांगें:
अधिकारियों द्वारा किसानों के खेतों में मौके पर जाकर स्पेशल गिरदावरी करवा के जल्द से जल्द किसानों के लिए
मुआवजे का ऐलान सरकार द्वारा किया जाए और क्षतिपूर्ति पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की अनिवार्यता
हरियाणा में खत्म की जाए क्योंकि यह पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है। ओलावृष्टि वाले गांवों में ही स्पैशल
गिरदावरी के आर्डर हुए हैं, जबकि ओलावृष्टि के बिना भी भारी बरसात और तेज हवाओं से भी बहुत सारे गांवों की
फसल बर्बाद हो गई है, उन गांवों की भी स्पेशल गिरदावरी करवाई जाए। फसलों में भारी नुकसान के मद्देनजर
आगामी 6 महीनों तक किसानों के लिए सभी प्रकार की किश्तों, ऋणों के भुगतान को बिना ब्याज के स्थगित किया
जाए। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान के चलते किसानों को मंडियों में नमी व क्वालिटी की
शर्तों में रियायत दी जाए। रबी की फसलों में भारी नुकसान के चलते किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान
हुआ है और किसानों को आगामी खरीफ  की फसलों की बुआई के लिए आर्थिक संसाधनों की कमी का सामना
करना पड़ेगा इसलिए किसानों को खरीफ  सीजन की बुआई के लिए बीज-खाद पर छूट दी जाए। किसानों के साथ-
साथ खेत मजदूरों को भी सरकार मुआवजा दे क्योंकि वे भी इन फसलों पर ही निर्भर रहते हैं, फसलों की बर्बादी से
उनके व उनके परिवार के खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं। किसानों पर इस कुदरती आपदा की घड़ी में हरियाणा

सरकार पिछला खरीफ -2020 से लेकर अब तक का बकाया मुआवजा व बकाया बीमा क्लेम भी तुरंत जारी। इस
मौके पर लखविंद्र सिंह औलख, प्रकाश ममेरा, गुरदास लकड़ावाली, आत्मा राम झोरड़, गुरलाल भंगू, हरमन मान,
नछतर सिंह झोरड़, गुरदीप सिंह मल्लेवाला, बापू कश्मीर सिंह वैदवाला, हरचरण कंवर, ओम प्रकाश डिंगमंडी,
निंदर सिंह रूघुआना, भिंदा काहलों, गुरजीत मान, काका सिंह जलालाना, मुखराम खारिया, अमरीक सिंह
मोरीवाला, राजू रुघुआना, महावीर गुडिय़ाखेड़ा आदि किसान मौजूद रहे।