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रिटायर्ड सैनिकों ने वन रंैक-वन पैंशन को लेकर डीसी को सौंपा ज्ञापन

सिरसा

रिटायर्ड सेना अधिकारियों ने वन रंैक-वन पैंशन को लेकर सोमवार को जिला
उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में सुबेदार ज्योति, कैप्टन बचीतर सिंह, सु. भीम
सिंह, सु. मूलाराम सुबेदार राजेन्द्र ढाका, कैप्टन महाबीर सोलंकी, कैप्टन, महावीर गोदारा, सार्जंेट निरंजन सिंह,
सुबेदार मेजर कुशाल सिंह, लैफ्टीनेन्ट जिले सिंह, कैप्टन कमल सिंह, वारंट ऑफिसर हरीश चंद्र, हवलदार
लखविंदर सिंह, लेफ्टिनेंट कृष्ण लाल, सुबेदार हरभजन सिंह, सुबेदार जगदीश, नायक सुरजीत, नायक बलविन्द्र
ढिल्लो, हवलदार दलबीर सिंह, राजाराम गोदारा कैप्टन दयाराम सुबेदार, तरसेम सिंह ने बताया कि वे काफी समय
से सरकार से वन रंैक-वन पैंशन की मांग कर रहे हंै, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सभी ने
एक स्वर में कहा कि जब तक सरकार वन रंैक-वन पैंशन लागू नहीं करती, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।


ये हंै प्रमुख मांगें:
पीबीओ आर की पेंशन पहले की तरह 70 प्रतिशत की जाए। पे/पेंशन फिटमैन्ट फैक्टर सब के लिए एक रखा जाए।
न कि किसी के लिए 2.81 और दूसरे के लिए 2.57। वीर नारियों की पेंशन में भी असमान अंतर है जैसे
अधिकारियों की वीर नारियों को 54000 प्रतिमाह, अन्य पदों की वीर नारियों को 20000 प्रतिमाह दिए जा रहे हंै।
अपंगता पेंशन (नॉर्मल) 100 प्रतिशत जैसे अधिकारी प्री (2006) 5880 प्रतिमाह, 7वें वेतन आयोग के बाद 75870
प्रतिमाह। इसी प्रकार डब्ल्यूआईपी 151740 और डबलू, आईपी (इंवेलिड आउट) 252900 प्रतिमाह। इसके अनुपात
में अन्य पदों को प्री 2006, (100 प्रतिशत) 3510 प्रतिमाह 7 वेतन आयोग के बाद  9000 प्रतिमाह के अंतर से
दिया जाता है। स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति वाले पूर्व सैनिकों को समान पद समान वेतन का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
मिलिट्री सर्विस पे अधिकारी 15500 प्रतिमाह अन्य पद 5200 प्रतिमाह देय है। मिल्ट्री नर्सों की 10800 प्रतिमाह
दिए जा रहे हंै। अन्य पदो की सर्विस पेंशन तीसरे वेतन आयोग से पहले की तर्ज पर बेसिक वेतन का 75 प्रतिशत
किया जाए। सैनिक विधवाओं, वीरांगनाओं एवं वीर नारियों की पेंशन भी सर्विस पेंशन के बराबर की जाए।

अपंग/विकलांग पेंशन सभी रैंक के लिए एक समान की बजाय, जब अपंगता समान है तो विकलांग पेंशन अलग
क्यों? अधिकारियों और अन्य पदों के फिटमेन्ट फैक्टर को समान किया जाए। मिलिट्री सर्विस पे पाश्चात्य देशों की
तर्ज पर लागू की गई परन्तु उसमें भी भिन्नता है, जो सभी रैंक के लिए सामान की जाए। स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति
वाले पूर्व सैनिकों को समान पद समान वेतन का लाभ दिया जायें। प्रत्येक वेतन आयोग एवं निर्णायक समितियों
एवं उच्च राष्ट्रीय निर्णायक मण्डलों में अन्य पदों के प्रतिनिधि भी हिस्सेदारी होनी सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय
कर्मचारियों एवं सैन्य कर्मचारियों की सेवा शर्ते अलग-अलग है तथा कार्य का प्रकार एवं समय भी अलग हैं। अत:
सैन्य कर्मियों के लिए पृथक वेतन आयोग का गठन किया जाए एवं उसमें अन्य पद के प्रतिनिधि सुनिश्चित किये
जाएं। वीर नारी, अपंगता एवं मिल्ट्री सर्विस पे एक ही की जाये न कि अलग-अलग।