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‘मीडिया’ को मसाला न देने की नसीहत के बाद भी, आए बीजेपी नेताओं के विवादित बयान

प्रधानमंत्री ने हालहि में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी है कि वे गैर जिम्मेदाराना बयान देकर मीडिया को मसाला न दें. इससे पार्टी की छवि खराब होती है. पीएम ने कहा कि हम कैमरा देखते ही बयान देने लग जाते हैं. मीडिया जो हिस्सा उपयोगी समझता है, उसका इस्तेमाल करता है. यह उसकी ग़लती नहीं है. हमें ख़ुद को रोकना होगा.

पीएम मोदी की नसीहत को नजरअंदाज किया इन नेताओं ने

22 अप्रैल को मोदी ने सार्वजनिक तौर पर बीजेपी के नेताओं, बीजेपी सरकार के मंत्रियों से अनुरोध किया था कि वह कोई ऐसी बात ना बोलें जिस पर बात करने के लिए मीडिया को मसाला मिले. उनके इस सुझाव के बाद भी बीजेपी और बीजेपी की सरकारों से जुड़े नेताओं के बड़बोले बयान जारी है. इन बयानों में जाति और धर्म प्रमुख रुप से शामिल है.

ओमप्रकाश राजभर

पीएम मोदी की नसीहत के बाद भी यूपी के बीजेपी सरकार के घटक दल सुभासपा के अध्यक्ष ने शराबबंदी को लेकर विवादित बयान दिया था. ओमप्रकाश राजभर ने 27अप्रैल को अपने वाराणसी दौरे पर कहा था कि सबसे ज्यादा शराब का सेवन यादव और राजपूत समुदाय के लोग करते हैं.उनके इस बयान के बाद कांग्रेस, सपा और बसपा ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिशें की.

राजेंद्र त्रिवेदी

इतना ही नहीं पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात से भी एक विवादित बयान समाने आया है. गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने पीएम नरेंद्र मोदी और संविधान निर्माता कहलाने वाले बी. आर. आंबेडकर को ब्राह्मण बताया है. साथ ही उन्होंने भगवान कृष्ण को ओबीसी बताया. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण कभी भी सत्ता का भूखा नहीं होता. इस बयान के बाद अभी तक पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यह बयान 29 अप्रैल को दिया गया.

त्रिपुरा के सीएम

पिछले कुछ दिनों से लगातार विवादस्पद बयानों से सुर्खियों रहे त्रिपुरा की सीएम विप्लव देव ने युवाओं को ये सुझाव दिया है कि युवाओं को चाहिए की वो सरकारी नौकरियों के पीछे भागने के बजाय पान की दुकान खोल ले या फिर गाय पाल ले तो उसके बैंक खाते में अबतक 5 से 10 लाख रुपये जमा हो जाते. यह बयान भी 29 अप्रैल को दिया गया.

संजय पाटिल

प्रधानमंत्री की नसीहत को अनसुना करते हुए एक दिन बाद ही कर्नाटक बीजेपी विधायक संजय पाटिल ने विधानसभा चुनाव को लेकर विवादित बयान दिया था.
उन्होने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले मुसलमानों को ही भारत में ढूंढना है. कोई तो मुसलमान है, जो पाकिस्तान के नारे लगाता है. कोई तो मुस्लिम है, जो क्रिकेट मैच में पाकिस्तान के जीतने पर पटाखे फोड़ता है. कोई तो है, जो पाकिस्तानी झंडा हाथ में लहराते हुए घूमता है. भारत में उसी को तो ढूंढना है.