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बिलासपुर20 मिनट पहले
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सामान्य सभा की बैठक में 93 प्रस्ताव पेश किए गए।
छत्तीसगढ़ के नगर निगम बिलासपुर की सामान्य सभा करीब साल भर बाद आयोजित की गई। सामान्य सभा की बैठक में विपक्षी दल के पार्षदों ने जनता के मुद्दों को लेकर सदन में हंगामे करते रहे। वहीं सत्तारुढ़ दल के पार्षद विपक्ष के सवालों का जवाब सही नहीं दे पाने की वजह से कई बार सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा। इस हंगामे के बीच 8 अरब 19 करोड़ के बजट में 93 प्रस्ताव पेश किए गए।
सदन की कार्रवाई की शुरुआत हुई हंगामेदार
बिलासपुर निगम की सामान्य सभा की बैठक में शहर विकास के मुद्दों पर बात कम और कांग्रेस भवन का मुद्दा काफी हावी रहा। इस सत्र की शुरुआत ही आधे घंटे देर से हुई। इससे पहले ही हंगामा शुरू हो गया। दरअसल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ पार्षदों को तीसरे पंक्ति की कुर्सियां दी गई थी। जिससे वे काफी नाराज हो गए। वरिष्ठ पार्षद रविंद्र सिंह तो नाराज होकर वापस ही लौट गए। सदन की कार्रवाई शुरु होने से पहले नए एल्डरमैन का स्वागत किया गया।
नगर निगम बिलासपुर की सामान्य सभा की बैठक।
सामान्य सभा की बैठक में 92 प्रस्ताव
बैठक में साल 2021-22 के नगर निगम के 8 अरब 19 करोड़ के बजट के 93 प्रस्ताव पेश किए गए। यहां शहर विकास से अधिक कांग्रेस भवन के लिए बस स्टैंड की बेशकीमती जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव को महत्व दिया गया। वहीं भाजपा पार्षदों का जोर शहर विकास को लेकर था। वही कांग्रेसी पार्षद पुराना बस स्टैंड के पास प्रस्तावित कांग्रेस भवन के लिए जमीन आवंटित करने के मुद्दे पर हंगामा करते रहे। सदन में प्रश्नकाल के दौरान 12 पार्षदों को सवाल करने का मौका दिया गया। लेकिन यहां फिक्स प्रश्नोत्तरी में कोई खास बात निकल कर नहीं आई। प्रश्नकाल के बाद भी सभापति द्वारा सदस्यों को अतिरिक्त प्रश्न करने का अवसर दिया गया था। इस दौरान संडे बाजार को लेकर आपत्ति दर्ज की गई। लेकिन सदन संडे बाजार को जारी रखने का समर्थन किया।
कांग्रेस भवन की जमीन को लेकर हंगामा
विपक्ष के बेहद हल्के प्रतिरोध के साथ करीब सभी प्रस्ताव पास हो गए। लेकिन प्रस्ताव क्रमांक 89 पुराना बस स्टैंड स्थित बेशकीमती जमीन पर कांग्रेस भवन बनाने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। हाथों में पर्चियां लेकर विपक्ष के पार्षद मंच तक पहुंच गए और कांग्रेस भवन के लिए बेशकीमती जमीन आवंटित करने का विरोध करने लगे। इस दौरान सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। बाद में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार के नए अध्यादेश के तहत ऐसा किया जा सकता है। जिसके बाद विपक्षी दल सदन में ही बेल में धरने पर बैठ गए और दोनों पक्ष तेज नारेबाजी करने लगे। लेकिन बहुमत के आधार पर कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को भी पास करा लिया।
कांग्रेस भवन की जमीन को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
हंगामे के बीच महत्वपूर्ण प्रस्ताव हुए पास
इसी दौरान बहुमत के आधार पर कांग्रेस पार्षद दल ने सभी प्रस्ताव पारित कर लिया। जिसमें व्यापार विहार समेत शहर के अलग अलग स्मार्ट सिटी रोड का नामकरण स्व. रामबाबू सोंथालिया के नाम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया। पार्षदों के मानदेय और पार्षद निधि को बढ़ाये जाने के प्रस्ताव के लिए समिति का गठन किया जाएगा जो राज्य शासन को पत्र लिखेगी। व्यापार विहार में बन रहे तारामंडल का नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ऐ पी जे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया। कांग्रेस भवन की जमीन को लेकर सदन में हंगामा होता रहा। जिसके बाद भाजपा के पार्षद दल कते नेता अध्यक्ष के पास पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
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