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असम : गुवाहाटी में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील

 

 

 

असम। नागरिकता कानून के विरोध में पूर्वोत्तर के राज्यों में छह दिन से उग्र प्रदर्शन जारी है। इस बीच असम में हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू में शनिवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ढील दी गई है। हालांकि, इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राजधानी गुवाहाटी और अन्य स्थानों पर सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

पूर्वोत्तर में जारी विरोध के चलते अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। अमेरिकी एडवाइजरी में कहा गया है कि उसने अस्थाई तौर पर असम की आधिकारिक यात्रा भी स्थगित कर दी है।

इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतर जाने के बाद बुधवार को सेना बुलाई गई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को इस विधेयक को मंजूरी दी, जिसके बाद यह कानून बन गया।

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा,’अब तक कुल आठ टुकड़ियां लगाई गई हैं जिनमें एक बोगांइगांव, एक मोरीगांव, गुवाहाटी में चार और सोनितपुर में दो टुकड़ियां तैनात की गई हैं।’ हर टुकड़ी में करीब 70 जवान होते हैं।

खोंगसाई ने बताया कि कि जहां भी सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां तैनात की गई हैं, वे वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में सक्षम रही हैं और वे नागरिक प्रशासन को सहयोग करने में लगी हैं। असम में अपने इतिहास में सबसे हिंसक दौरों में एक से गुजर रहा है। वहां रेलवे स्टेशन, कुछ डाकघर, बैंक, बस टर्मिनल और कई अन्य सार्वजनिक संपत्तियां जला दी गई हैं।

त्रिपुरा-मेघालय में इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद

त्रिपुरा के ज्यादातर हिस्सों में हालात सुधरते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को नवगठित गैर आदिवासी संघ बंगाली ओइकया मंच ने 48 घंटे का बंद का ऐलान किया है। यहां तीसरे दिन भी टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है। मेघालय में भी मोबाइल और इंटरनेट सर्विस पर रोक जारी है। शिलॉन्ग में अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं।

गृह मंत्री का शिलॉन्ग दौरा रद्द

गृह मंत्री अमित शाह का शिलॉन्ग दौरा भी रद्द कर दिया गया है। उन्हें रविवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होना था। पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे। इस पर केंद्र के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि केंद्रीय कानून को लागू करने से राज्य इनकार नहीं कर सकते।