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अमिताभ बच्चन ने कोरोना वायरस को लेकर अवधि में सुनाई कविता, कहा-आवय देयो, करोना-फिरोना…

 

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस 122 देशों में पहुंच गया है। पूरे विश्व में इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 4900 को पार कर गई है। जबकि 1,34,679 लोग संक्रमित हैं। भारत में अब तक 74 कोरोना के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा कर्नाटक में कोरोना वायरस के एक बुजुर्ग मरीज की मौत भी हो चुकी है। बॉलीवुड में भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है।

अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। अमिताभ बच्चन ने लोगों से कोरोना का डट कर सामना करने के लिए कहा है। इसके लिए उन्होंने कुछ पंक्तियां भी अपने ट्विटर पर शेयर की हैं। ये एक वीडियो ट्वीट है। जिसमें अमिताभ बच्चन बैठकर इन पंक्तियों को सुना रहे हैं। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतरने के लिए कहा है। रोचक यह भी है कि वह देसी अंदाज में अपनी अवधी भाषा में कविता के जरिए यह संदेश दे रहे हैं।

अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘बहुतेरे इलाज बतावैं, जन जनमानस सब। केकर सुनैं केकर नाहीं कौन बाताई ई सब। क्येऊ कहेस कलौंजी पीसौ, केऊ आंवला रस। केऊ कहेस घर मां बैठओ हिलो न टस से मस। ईर कहिन औ बीर कहिन कि अइसा कुछ भी करौ ना। बिन साबुन के हाथ धोइ के, केऊ के भैया छुअव ना। हम कहा चलौ हमहू कर देत हैं जैसन बोलैं सब। आवै देव कोरोना फिरौना ठेंगवा देखाउब तब।’

कविता का ​अर्थ

‘बहुत इलाज बताते हैं, जन-जनमानस सब। किसकी सुनें किसकी नहीं कौन बताए अब। कोई कहता है कलौंजी पीसो कोई कहता है आंवला रस। कोई कहता है घर में बैठो हिलो न टस से मस। ईर कहते हैं और बीर कहते हैं ऐसा कुछ भी करो न। बिना साबुन हाथ न धोएं और किसी को छुएं न। हमने कहा कि चलो हम ही कर देते हैं जैसा बोल रहे हैं सब। आने दो कोरोना-वोरोना ठेंगा दिखाओ तब।’