नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस को कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती देते हुए कहा कि इस सरकार के नेता राज्य के लिए अपनी जान भी देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने संविधान में उल्लिखित अनुच्छेद पढ़कर बताया कि जम्मू -कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित) भारत का अभिन्न अंग है।
लोकसभा में प्रस्ताव और विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है और यह कानून संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों पर आधारित है।
जहां जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के एक आदेश से संबंधित है, वहीं जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का प्रावधान देता है।
राष्ट्रपति के आदेश ने अनुच्छेद 370 के तहत उन प्रावधानों को निरस्त कर दिया है जो राज्य को अपना संविधान और विदेशी मामलों, रक्षा व संचार से संबंधित कानूनों के अलावा अन्य कानून बनाने का अधिकार देने की अनुमति देता है। इन प्रस्तावों और विधेयकों को उच्च सदन द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका है।