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अंबिकापुर16 मिनट पहले
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आरोपी शार्टकट तरीके से अमीर बनकर अय्याशी करना चाहते थे। इसके लिए आरोपी ने मां को काम से निकाले जाने के बाद लूट की साजिश रची।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पेट्रोल पंप मालकिन शांति पटेल (60) की हत्या मामले में पुलिस ने नौकरानी के बेटे और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों शार्टकट तरीके से अमीर बनकर अय्याशी करना चाहते थे। इसके लिए आरोपी ने मां को काम से निकाले जाने के बाद लूट की साजिश रची। घर में घुसे और 5 घंटे आंगन में छिपकर इंतजार करते रहे। सुबह होने पर महिला के हाथ-पैर बांधकर धारदार हथियार से गला रेत दिया।
दरअसल, 2 दिन पहले शांति पटेल का शव सुभाषनगर स्थित उनके घर में मिला था। शव के हाथ गमछे से और पैर बेल्ट से बंधे हुए थे। गले पर धारदार हथियार का घाव था और फर्श पर खून बिखरा पड़ा था। सामान बिखरा पड़ा था और उनकी कार भी गायब थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि चोरी हुई कार को बस स्टैंड की ओर से विश्रामपुर की ओर जाते देखा गया है। इस पर पुलिस ने पीछा किया और घेराबंदी कर काली घाट के पास कार रुकवा ली।
मृतका शांति पटेल कोरबा की रहने वाली थीं।- फाइल फोटो
पहले भी मां के साथ जा चुका था शांति पटेल के घर
कार में बलरामपुर के बसंतपुर निवासी अनुराग सिंह मरकाम (18) और मल्हार, बिलासपुर हाल पता गांधी नगर सरगुजा निवासी पृथ्वीराज मैना (19) बैठे थे। पूछताछ में पृथ्वीराज ने बताया कि शांति पटेल के घर उसकी मां काम करती थी। घटना से कुछ दिन पहले उसकी मां को काम से निकाल दिया था। पृथ्वी अपनी मां के साथ शांति पटेल के घर पहले भी जा चुका था। उसे पता था कि शांति पटेल अकेली रहती हैं। लालच में आकर उसने लूट की साजिश रची।
कमरे में पड़ी महिला की लाश।
दीवार कूद रात 2 बजे घुसे, दरवाजा बंद था तो सुबह 7 बजे तक इंतजार किया
पृथ्वीराज ने पुलिस को बताया कि वह और अनुराग सिंह 20 अगस्त की रात करीब 2 बजे घर की दीवार कूदकर आंगन में गए, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण अंदर नहीं घुस सके। इस पर वहीं छिपकर दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगे। सुबह करीब 7 बजे शांति पटेल ने आंगन का दरवाजा खोला तो दोनों आरोपी मौका पाकर अंदर घुस गए। इसके बाद किचन से दोनों ने अलग-अलग चाकू ले लिया और सोफे के पीछे छिपकर इंतजार करने लगे।
पीछे से पकड़ कर जमीन पर पटका और पर्दे से मुंह बंद कर दिया
इसके बाद शांति बाथरूम से आकर झाड़ू लगाने लगी। तभी दोनों आरोपियों ने उनको पीछे से पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया। शोर मचाने पर बेडरूम के पर्दे से मुंह बंद कर दिया। गमछे और बेल्ट से हाथ-पैर बांधा और गला रेत दिया। इसके बाद मोबाइल, डेबिट कार्ड, चेकबुक, 6000 रुपए और कार लेकर भाग निकले। दोनों आरोपी 21 से 24 तक उनकी कार लेकर इधर-उधर घूमते रहे। इस दौरान डेबिट कार्ड की सहायता से मोबाइल पर फोन-पे एप डाउनलोड किया और रुपए खर्च किए।
इसी मकान में महिला रहती थी।
रिश्तेदार मिलने पहुंचे तो 3 दिन बाद हत्या का पता चला
शांति पटेल के रिश्तेदार विक्रम पटेल ने बताया, वे अक्सर उनसे मिलने आते थे। सोमवार शाम जब वो आए तो हत्या का पता चला। शांति रिश्ते में उनकी मौसी लगती थीं। उनकी एक बेटी है, जो दिल्ली में रहती है। वे पहले टीचर थीं, लेकिन पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था। शांति का कोरबा में एक पेट्रोल पंप और मकान है। पहले वे कोरबा में ही रहती थीं। मकान का एक हिस्सा किराए पर है, जिसमें एक परिवार रहता है।
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