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गन्ना किसानो के लिए हाईकोर्ट का नया फैसला, बकाया गन्ना भुगतान के…

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक गन्ने के उत्पादन किया जाता है. यहाँ पर गन्ने की मिले भी काफी हैं. इसलिए उत्तर प्रदेश के किसानों को गन्ने के भुगतान को लेकर सबसे अधिक समस्या होती है.

हर साल उत्तर प्रदेश के किसानों को गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर या तो कोई बड़ा आंदोलन करना पता है या फिर विरोध करना पड़ता है फिर भी किसानों को उनका पूरा पैसा नहीं मिलता हैं. गन्ना किसान पूरे साल मेहनत के बावजूद हाथ मलकर रह जाता है.

पिछले एक दशक में  कोई भी सरकार सत्ता में रही लेकिन किसानों के लिए स्थिति एक जैसी ही रही किसी ने भी गन्ना किसानों के ऊपर ध्यान नहीं दिया. बदकिस्मती किसान सिर्फ आंदोलन और विरोध करता ही रह गया. इन किसानों को अपनी लड़ाई स्वयं ही लड़नी पड़ रही है. अभी भी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का काफी पैसा चीनी मिलों पर बकाया है.

किसानों ने की हाईकोर्ट में याचिका दर्ज

इसी को लेकर दो किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गणना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार और सम्बंधित अधिकारीयों को सख्त निर्देश दिए हैं. प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह किसानों के सभी बकाए का एक माह में ब्याज सहित भुगतान करवाएं.

कोर्ट ने सामान्य समादेश जारी करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और गन्ना आयुक्त उप्र को इस आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है. कोर्ट ने भुगतान में विलम्ब होने पर सम्बंधित अधिकारीयों को भी फटकार लगायी है. कोर्ट ने कहा है कि कंट्रोल ऑर्डर के तहत गन्ना खरीद से 14 दिन के भीतर गन्ना मूल्य का भुगतान किए जाने की बाध्यता है. यदि 14 दिन में भुगतान नहीं होता तो 15 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा. इस सख्त नियम के बावजूद किसानों को गन्ना मूल्य के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

इसी के साथ इलाहबाद हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं किया जाता तो इसके जवाबदेह अधिकारी की कोर्ट के प्रति जवाबदेही होगी. कोर्ट ने 1 महीने के अंदर सभी किसानों और १५ दिन के अंदर याचिका दायर करने वाले किसानों का भुगतान मय ब्याज के करने को कहा है. एक ओर तो लाखों गन्ना किसानों का भुगतान मिलों पर बाकी है. वही दूसरी ओर किसानों के ऊपर बैंको से लिए गए लोन का दबाव  भी बढ़ रहा है. इसलिए किसानों को ज्यादा परेशानी हो रही है. लेकिन इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए इस आदेश के बाद किसानों को शायद थोड़ी राहत मिलें.