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वर्ल्ड कप 2019 : टीम जो चार सालों में बन गई विश्व स्तरीय क्रिकेट टीमों के लिए खतरा

नई दिल्ली। विश्वकप 2019 के लिए सभी 10 टीमें जोर-शोर से तैयारियां कर रही हैं। इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरु हो रहे क्रिकेट के इस सबसे बड़े टूर्नामेंट में वैसे तो 10 टीमें उतर रही हैं, लेकिन इस बार सभी की नज़रे जिस टीम के प्रदर्शन पर होंगी वो है अफगानिस्तान। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार यह टीम बड़ा उलटफेर कर सकती है। भले ही अफगानिस्तान और उसके खिलाड़ियों के पास अन्य टीमों की अपेक्षा विश्वस्तरीय टूर्नामेंट और अंतर्राष्ट्रीय मैचों का अधिक अनुभव न हो, लेकिन पिछले 4 सालों के भीतर टीम ने जिस तरह से खुद को परिपक्व बनाया है उस लिहाज से टीम को किसी भी टीम से कम नहीं आंका जा सकता।

अगर आंकड़ों की बात करें तो अफगानिस्तान ने 2015 में पहली बार विश्व कप में कदम रखा था। तब यह टीम बेहद कमजोर थी और ग्रुप दौर से ही बाहर हो गई थी। उसके लिए यह विश्व कप अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अनुभव लेने मात्र टूर्नामेंट के अलावा कुछ न था। तब न अफगानिस्तान किसी के लिए खतरा थी न ही यह टीम खुद जीत को बारे में सोच सकती थी। लेकिन चार साल बाद यह टीम विरोधियों के मन में बड़ा उलटफेर करने वाली टीम बन गई है। टीम ने अपने खेल में मूलभूत परिवर्तन किया है।

चार साल में अफगानिस्तान ने अपने आप को बदल डाला और एक ऐसी टीम के तौर पर विश्व कप में जा रही है जो किसी भी टीम को मात दे सकती है। इसका एक उदाहरण उसने पिछले हफ्ते पाकिस्तान को विश्वकप 2019 के अभ्यास मैच में मात देकर दे दिया है। इस मैच में अफगान खिलाड़ी पाकिस्तानियों से 20 साबित हुए और पाक को तीन विकेट से हरा दिया। शुरुआत में ही इस टीम ने दूसरी टीमों को चेता दिया है।

साल 2015 को याद करें तो उस समय अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को कोई सीरियस नहीं लेता था न ही अपने लिए खतरा मानता था। टीम की न बल्लेबाजी चर्चा में थी न गेंदबाजी, लेकिन अब गेंदबाजी के लिहाज से यह टीम खतरनाक टीमों में गिनी जा रही है, जो किसी भी मजबूत बल्लेबाजी क्रम को झकझोर सकती है और ताश के पत्तों की तरह ढहा भी सकती है। इसमें अहम भूमिका उसके स्पिन गेंदबाजों की हैं। इसमें राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान का बड़ा हाथ है।

राशिद का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2017 में सफल होना उन्हें विश्व पटल पर पहचान दिला गया था, लेकिन अफगानिस्तान की सफलता और क्रिकेट में आए दिन नए पड़ाव पार करने की कहानी भारत में 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप से शुरू हुई थी जहां इस टीम ने बाद में विजेता बनी वेस्टइंडीज को मात दी थी। उस दिन का दिन है, इस टीम ने अपने खेल में सितारे ही जड़े हैं। इस टीम का ताकत सही मायनों में गेंदबाजी है।

दुबई में खेले गए एशिया कप में भी देखा गया था कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान, भारत जैसी टीमों को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया था। भारत के साथ तो उसने आखिरी समय में मुकाबला टाई करा दिया था। राशिद उसके गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करते हैं। यह गेंदबाज दुनिया भर की टी-20 लीगों में दिग्गज बल्लेबाजों के नचा चुका है। कोहली ने भी हाल ही में माना था कि राशिद को खेलना आसान नहीं है क्योंकि वह बहुत तेजी से गेंद करते हैं और बल्लेबाज जब तक कुछ सोच पाता है गेंद बल्ले पर आ जाती हैे। राशिद इस विश्व कप में सभी टीमों के लिए चुनौती रहेंगे।

अफगानिस्तान के पास राशिद की तरह की एक और करिश्माई स्पिनर मुजीब के रुप में मौजूद है। मुजीब भी अपनी फिरकी से आईपीएल में कई बल्लेबाजों को नचा चुके हैं। अव्वल यह है कि इन्हें रास्ता दिखाने के लिए मोहम्मद नबी हैं जो अनुभव के भंडार हैं और 2015 विश्व कप में टीम की कप्तानी कर चुके हैं।

स्पिन के अलावा अफगानिस्तान के पास कुछ अच्छे तेज गेंदबाज भी हैं। इनमें दौलत जादरान, हामिद हसन और नव निुयक्त कप्तान गुलबजीन नैब हैं। इन सभी गेंदबाजों ने हमेशा किफयाती गेंदबाजी की है और यही इनक गेंदबाजी आक्रमण का खासियत है। तेज गेंदबाज रन बचाकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं और स्पिनर इसका फायदा उठाते हैं।

अफगानिस्तान को अगर संकट आ सकता है तो वह है बल्लेबाजी। उसके गेंदबाजों में दम है कि वह 250-260 का स्कोर भी बचा सकते हैं लेकिन बल्लेबाजी में इतनी गहराई नजर नहीं आती की वह भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड जैसे मजबूत गेंदबाजी आक्रमणों के सामने 280-300 का स्कोर हासिल कर सके।

अहमद शाहजाद, पूर्व कप्तान असगर स्टानिकजाई, हसमातुल्लाह शाहिदी, नजीबुल्लाह जादरान टीम के मुख्य बल्लेबाज हैं। पाकिस्तान के खिलाफ अभ्यास मैच में शाहिदी ने बेहतरीन पारी खेली थी। शाहजाद बीते वर्षो में अच्छा करते आ रहे हैं और इसी तरह बाकी बल्लेबाजों ने टुकड़ो में अच्छा किया है।

अफगानिस्तान के लिए अच्छी बात यह है कि नबी और राशिद भी अच्छा बल्ला चला लेते हैं जिससे निचले क्रम को मजबूती मिलती है। फिर भी देखना होगा कि यह सभी विश्व कप में किस तरह का प्रदर्शन करते हैं।

अफगानिस्तान के लिए एक और चिंता इंग्लैंड में खेलने की है। अभी तक इस टीम ने जितने उलटफेर किए हैं और जितनी सफलातएं हासिल की हैं वह लगभग सभी उपमहाद्वीप में की हैं। टीम पहली बार इंग्लैंड में विश्व कप खेलेगी और वहां की परिस्थतियां उपमहाद्वीप से भिन्न हैं। यहां अफगानिस्तान की परीक्षा होगी।

टीम के नेतृत्व में हाल ही में बदलाव भी हुआ है। असगर के स्थान पर अप्रैल में गुलबदीन को कप्तानी सौंपी गई है। बोर्ड के इस फैसले से राशिद और नबी नाराज थे लेकिन मुख्य चयनकर्ता ने कहा था कि दोनों से बात कर मसला सुलक्षा लिया गया है। मुख्य चयनकर्ता ने साथ ही कहा था कि वह बेशक विश्व कप जीत न सकें लेकिन कई बड़ी टीमों को हराने का दम रखती है। अब देखना होगा अफगानिस्तान किस तरह अपने प्रदर्शन से हैरान करती है।

अफगानिस्तान की टीम : गुलबजीन नैब (कप्तान), नूर अली जादरान, हजरतुल्लाह जादरान, असगर स्टानिकजाई, हसमतुल्लाह जादरान, हजरतुल्लाह जाजई, राशिद खान, दौलत जादरान, अफताब आलम, हामिस हसन, मुजीब उर रहमान, रहमत शाह, समिउल्लाह शिनवारी, मोम्मद नबी, मोहम्मद शाहजाद।