मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कर्नाटक की यात्रा पर है और इस दौरान उन्होंने गृहमंत्री कटारिया से पद्मावती विवाद के चलते फीडबैक लिया। बाद में राजे ने साफ किया कि उन्होंने 18 नवंबर को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पद्मावती फिल्म के विरोध को देखते हुए उसमें आवश्यक बदलाव करने के बाद ही इसे रिलीज करने की मंजूरी देने की बात कही है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि फिल्म पद्मावती के कथानक की समीक्षा इतिहासकारो, राजपूत समाज प्रतिनिधियों और फिल्म जगत की हस्तियों से करा लिया जाए। ताकि ये सुनिश्चित हो जाए कि इसके कथानक से किसी की भावनाएं आहत नहीं हो। जब तक इन सुझावों पर अमल नहीं होगा तब तक राजस्थान में पद्मावती का प्रदर्शन नहीं होगा।
देश के चार राज्यों पद्मावती के प्रदर्शन पर रोक लगाने की घोषणा हो चुकी है। इसके लिए इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने तकर्क दिए है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पद्मावती राष्ट्रमाता है और इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी। इसलिए मध्य प्रदेश में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म की रिलीज को लेकर आशंका व्यक्त कर चुके है। जबकि यूपी के ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कह चुके है कि वे उत्तर प्रदेश में पद्मावती फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना सही नहीं है। इसलिए फिल्म का प्रदर्शन पंजाब में नहीं किया जाएगा। जिन राज्यों में फिल्म बैन को लेकर बात सामने आ रही है उनमें जम्मू व कश्मीर भी सम्मलित है।