श्रीहरि कलयुग में कल्कि रूप में अवतार लेंगे। यह शुभ समय कब आएगा। कहना मुश्किल है। लेकिन भगवान कल्कि के बारे में जो बातें कल्कि पुराण में वर्णित हैं। उनको जानना आसान है। कल्कि अवतार में उनके पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा।
उनके भाई जो उनसे बड़े होंगे क्रमशः सुमन्त, प्राज्ञ और कवि नाम के नाम के होंगे। याज्ञवलक्य जी पुरोहित और भगवान परशुराम उनके गुरू होंगे। भगवान श्री कल्कि की दो पत्नियां होंगी लक्ष्मी रूपी पद्मा और माता वैष्णवी शक्ति रूपी रमा। उनके पुत्र होंगे जय, विजय, मेघमाल तथा बलाहक।
भगवान श्री कल्कि निष्कलंक अवतार हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि जब भगवान श्रीराम, सीता जी को खोजते हुए समुद्र किनारे पहुंचे। तब वहां उन्हें एक कन्या दिखाई दीं। वह गहरे ध्यान में बैठी थीं। श्रीराम के पूछने पर उस कन्या ने अपना नाम वैष्णवी बताया और श्रीराम से कहा कि वो उनसे विवाह करना चाहती हैं। इसलिए यहां तप कर रही हैं।
श्रीराम ने कहा, ‘श्रीराम के जन्म में वो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनकी एक ही पत्नी हैं और वो हैं सीता।’ लेकिन श्रीराम ने उन्हें आश्वासन दिया कि, ‘कलियुग में जब वह कल्कि अवतार लेंगे तब उनसे भगवान कल्कि का विवाह संपन्न होगा।