राखी का त्यौहार भाई बहन के लिए बहुत ख़ास होता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में राखी को मुख्य त्यौहार बताया गया है. कहते हैं ज्योतिष शास्त्र में राखी से संबंधित कई नियम वर्णित हैं. वहीं आजकल लोग बहुत मार्डन हो गए हैं इसलिए शास्त्रों में लिखी ये बातें उनके लिए कोई मायने नहीं रखती हैं.
कहा जाता है इन नियमों को अपनाया जाए तो लाभ ही लाभ होता है और हर व्यक्ति के लिए राखी से संबंधित नियम आदि का पालन करना ज़रूरी है, क्योंकि बिना इसके न राखी बांधने वाली बहन को व न बंधवाने वाले भाई को कोई लाभ प्राप्त होता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं राखी बाँधने से पहले पढ़े जाने वाले मंत्र, राखी की कथा और राखी पर किनके पूजन से धन वृद्धि होगी उसके बारे में.
मंत्र
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’
कैसे शुरू हुआ रक्षा बंधन का त्यौहार
इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत की लड़ाई होने वाली थी तो उसके पहले श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल के ऊपर सुदर्शन चकरा चलाया था. ऐसा करते समय उनके हाथ में चोट लग गई थी ऐसे में द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ उनकी ऊंगली पर बांध दिया था. इसके बाद कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था. जब ये हुआ था तब भी सावन मास की पूर्णिमा थी. कहा जाता है इसके बाद से ही ये त्यौहार मनाया जाने लगा.
राखी पर इनकी पूजा से होती है धन वृद्धि
कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव का जन्मदिन भी होता हैं इस कारण से इनकी पूजा करने से धन प्राप्ति होना शुरू हो जाती है.