बन्दूकबाज नाम सुनते ही नवाजुद्दीन का नाम जुबान पर आ जाता हैं इन दिनों अपनी फिल्म को लेकर सुर्ख़ियों में लगातार बने हुए हैं. फिर वो चाहे इनके बेबाक अंदाज़ हो या फिर इनकी फिल्म के एडल्ट सीन्स.
लेकिन फिल्म समीक्षकों को यह फिल्म पसंद नहीं आयी. अगर आप ने भी इस फिल्म को देखने का प्लान बना रखा है तो इससे पहले आप भी ये पांच बातें जान ले.. आइये जानतें हैं क्या हैं ये 5 बातें ….
- बाबूमोशाय बंदूकबाज़ कोई महान फिल्म नहीं है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अलावा फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जिस कारण उसे देखने की बात सोची जाए.
- बाबू खुद को यमराज का दूत मानते है और बिना किसी भेदभाव के, निःसंकोच हत्याएं करते है. दस साल की उम्र में दो केलों के लिए पहला मर्डर करने के बाद से ये उनका पेशा बन गया है.
- फिल्म में कोई न्य मुद्दा नहीं उठाया गया है, माफिया, हत्यारों पर पहले भी इससे बेहतर फिल्में आ चुकी है.
- गालियां, सेक्स से जुड़ी बातों और दृश्यों पर ही पूरी फिल्म चलती है, और आधे रस्ते तक कहानी पूरी तरह दम तोड़ देती है.
- फिल्म में नवाज़ तो डार्क-हैंडसम का किरदार बखूबी निभा रहे है, लेकिन उनके साथ के किसी भी कलाकार में वो दम नहीं है