जिलाधिकारी की टीम के निरीक्षण में 327 स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता काफी खराब मिली है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए जिलाधिकारी कंचन वर्मा द्वारा विगत दिनों दिसंबर माह में परिषदीय स्कूलों का जनपद स्तरीय अधिकारियों से जांच कराया गया था। जांच के बाद डीएम को रिपोर्ट सौंपा, जिससे मामले का खुलासा हुआ। बीएसए मनभरन राम राजभर ने कार्रवाई करते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दिया है।
डीएम परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर काफी चिंतित हैं। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद में जुटी हुई हैं, जिसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक में चेता भी चुकी हैं। शिक्षा स्तर की गुणवत्ता की जांच के लिए विगत 28 से 30 दिसंबर 2016 को डीएम ने जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर 380 परिषदीय स्कूलों की जांच कराया था। जिसमें अधिकारियों ने शिक्षा की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपा। जांच रिपोर्ट के अनुसार निरीक्षण कराए गए 380 स्कूलों में से 327 स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता काफी खराब मिली।
जांच रिपोर्ट की मानें तो मूल्यांकन के बाद गणित और हिंदी का स्तर 40 प्रतिशत और अंग्रेेजी में 25 प्रतिशत गुणवत्ता खराब मिली है। जबकि बच्चों को पढ़ाई की तरफ प्रेरित करने के लिए नि:शुल्क एमडीएम, थाली और गिलास, ड्रेस, फल और दूध तक का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
जिले 2210 परिषदीय स्कूलों में लगभग 9920 शिक्षक, 2333 सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्र और 735 अनुदेशक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मड़िहान क्षेत्र के 29 स्कूलों की गुणवत्ता खराब मिली है, इन स्कूलों के शिक्षकों को प्रतिकूल प्रवृष्टि बीएसए ने देते हुए कड़ी चेतावनी दिया।