राजधानी में पिछले वर्ष के 365 दिनों की तुलना में इस वर्ष 274 दिनों मेंअपराध का ग्राफ गिरा है। एसएसपी दीपक कुमार ने रविवार को अपराधों के आंकड़े जारी करते हुए यह दावा किया। आंकड़ों के अनुसार हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर अपराधों पर पुलिस लगाम कसने में सफल रही है।
एसएसपी ने 16 मार्च से 15 दिसंबर तक का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि इस दौरान 8 डकैती हुईं, जबकि 2016 में 15 हुईं थीं। इसी तरह पिछले वर्ष हुईं 90 लूट की तुलना में इस बार महज 52 मामले सामने आए। इतना ही नहीं बीते साल 110 हत्याएं हुईं, जबकि इस बार यह संख्या 87 लोग की हत्या हुई।
बलवा के 171 के सापेक्ष 162 और 2746 वाहनों की जगह 2516 चोरी हुए। रेप के 115 और अपहरण के 365 वारदात हुईं, जबकि यह संख्या पिछले साल 121 और 365 थी। हालांकि दहेज हत्या के पिछले वर्ष दर्ज हुए 41 मामलों की तुलना में इस बार 47 केस दर्ज किए गए।
आंकड़े के मुताबिक पिछले साल महिला उत्पीड़न के 950 मामले दर्ज किए गए जबकि इस साल 274 दिनों में 1080 महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हुई। पॉक्सो एक्ट के तहत पिछले साल 79 मामलों को पीछे छोड़ते हुए इस बार संख्या 99 पहुंच चुकी है। शीलभंग के 386 मामलों की तुलना में इस बार 458 घटनाएं सामने आई हैं।
दलित उत्पीड़न में भी कमी
एसएसपी ने बताया कि अनुसुचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न के मामलों के तहत पिछले साल 8 हत्याएं, 30 रेप और 8 गंभीर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज हुईं। इसके अलावा 193 मामले सामान्य उत्पीड़न के दर्ज किए गए थे। जबकि इस साल 6 हत्याएं, 15 रेप और गंभीर मारपीट के 5 मामलों के अलावा 159 सामान्य उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं।