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टू-स्टेप वेरिफिकेशन सिक्योरिटी फीचर सबसे सुरक्षित तरीका

 जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है उसके खतरे भी कम नहीं है। आए दिन साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे है। लगातार साइबर अटेक के बढ़ने के बाद भी कई लोग इसके प्रति सजग नहीं हो रहे है। दुनिया में बहुत ही कम लोग है जो अपनी ईमेल्स और अन्य डिजिटल कॉन्टेंट को सेफ रखते हैं। ऐसा नहीं है कि अपने डाटा को सेफ रखने के लिए कोई उपाय नहीं है।

कई सारे सिक्योरिटी फीचर बनाए गए है जिनसे अपना अकाउंट सुरक्षित रखा जा सकता है। बावजूद इसके अधिकांश लोग अनदेखा कर साइबर अटेक का शिकार हो रहे है। इसके बारे में गूगल ने रिपोर्ट पेश की है। गूगल के अनुसार 10 पर्सेंट से भी कम जीमेल यूजर्स ऐसे हैं जो 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करते हैं।

90 पर्सेंट से ज्यादा लोग हैकर्स के सीधे निशाने पर हैं और उनके आसान टारगेट हैं। गूगल ने इसके लिए 2011 में टू-स्टेप वेरिफिकेशन शुरू किया था। इसमें पहले स्टेप में पासवर्ड डालना होता है और दूसरे स्टेप में वन टाइम पासवर्ड डालना होता है। यह पासवर्ड आपको मेसेज या कॉल के माध्यम से आपको आपके मोबाइल नंबर पर मिलता है।

गूगल के इंजिनियर्स के मुताबिक, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन नहीं होने से हैकर्स आसानी से पासवर्ड का पता लगा सकते है। इससे हैकर्स को डाटा हैक करने में बहुत कम समय लगता है। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल इंजिनियर्स का कहना है कि सिर्फ 12 पर्सेंट अमेरिकी यूजर्स ऐसे हैं जो पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करते हैं।