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जल्द टूटने वाला है सचिन का ये पसंदीदा आशियाना

भारतीय महान खिलाड़ी और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मसूरी स्थित पसंदीदा आशियाना ढहलिया बैंक हाउस का अवैध निर्माण अब जल्द ही टूटने की कगार पर है, सुप्रीम कोर्ट ने हाई-कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए 12 दिनों का समय दिया था जिसमें दो दिन गुजर चुके हैं। 

लंढौर कैंट इलाके में बना यह आशियाना सचिन तेंदुलकर के दोस्त संजय नारंग का है और सचिन जब भी मसूरी जाते हैं यहीं रुकते हैं। यह मकान सेना के आईटीएम संस्थान से सटा हुआ है। नियम के अनुसार सेना संपदा के 50 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण या पुनर्निर्माण का काम नहीं कराया जा सकता है लेकिन डहलिया बैंक हाउस के मामले में ऐसा नहीं किया गया। अब लंढौर कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने कहा है कि संजय नारंग को 12 दिन के भीतर मशहूर डहलिया बैंक हाउस की इमारत खाली करनी होगी। कैंट बोर्ड ने इस कोठी का अवैध हिस्सा तोड़ने की तैयारी शुरू की दी है। आपको बता दें कि यह मकान काफी समय से विवादों में रहा है। संजय नारंग को कैंट बोर्ड ने टेनिस कोर्ट के निर्माण करने की अनुमति दी थी लेकिन उसने इसकी आड़ में कई अन्य अवैध निर्माण कर दिए।  

लंढौर स्थित विवादित डहलिया बैंक हाउस से मास्टर-ब्लास्टर का गहरा नाता माना जाता है। सचिन जब भी यहां आते हैं तो अक्सर अपने करीबी दोस्त संजय नारंग के डहलिया बैंक हाउस में ही ठहरते हैं। यहीं वजह है कि डहलिया बैंक हाउस सचिन का आशियाना नाम से मशहूर है। सचिन करीब वर्ष 2010 से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यहां वीकेंड मनाने आते हैं। इस वर्ष भी जनवरी में सचिन परिवार के साथ पहुंचे थे। सचिन ने वर्ष 2015 में इस घर में परिवार और दोस्तों संग की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। ढहलिया बैंक की बनावट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास जैसी है। सुरक्षा के लिए इसके चारों और पत्थरों से दीवार बनाई गई है। 1।672 एकड़ में फैला यह बंगला 100 साल पुरानी पहाड़ी शैली पर बनी हुई इमारत है। बंगले में स्विमिंग पूल, बिलियर्ड, स्नूकर रूम, टेबल टेनिस, टेनिस कोर्ट, बार रूम और 50 सीटों वाला थिएटर भी है। यह बंगला प्राकृतिक सुंदरता का अदभुत नजारा दिखाता है। 

भाजपा मंडल अध्यक्ष, मसूरी के व वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन पेटवाला के अनुसार 125 साल पुराने डहलिया बैंक का पुननिर्माण व मरम्मत के बाद तस्वीर बिल्कुल बदल गई है। यहां स्थित रक्षा संस्थान के 50 मीटर दायरे में इतना बड़ा महल खड़ा करना देश की सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है। जो कि वर्क ऑफ डिफेंस एक्ट 1903 के खिलाफ है। इस आशियाने को लेकर सचिन उस वक्त चर्चाओं में आए थे जब उन पर जुलाई 2016 में कैंट बोर्ड से राहत तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परिकर से सिफारिश करने का आरोप लगा था। चर्चा उठी थी कि इस बंगले के असली मालिक सचिन तेंदुलकर हैं, जिसे वर्ष 2011 में उनके खास दोस्त संजय नारंग के नाम पर खरीदा गया था। हालांकि सचिन ने बाद में इस पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि इस प्रॉपर्टी से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने एक बैठक में उठे इसके विवाद को देखते हुए रक्षामंत्री से हल निकालने की गुजारिश की थी।