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…और खाना छोड़कर प्लेन हाईजैकर से मिलने पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी

25 दिसंबर को देश भर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाया जा रहा है। देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी इस वर्ष अपना 93वां जन्मदिन मना रहे हैं। भले ही स्वास्थ्य कारणों से अटल जी अपने राजनीतिक जीवन में कम सक्रिय रहते हों लेकिन उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन के ऐसे कई दिलचस्प किस्से हैं जो आज भी उनके साथियों से सुनने को मिलते हैं। इस बार अटल जी के जन्मदिन पर उनके खास मित्र और राजनीतिक साथी लालजी टंडन ने एक ऐसे ही किस्से का जिक्र किया।

 
बातचीत के दौरान लालजी टंडन ने कहा कि मुझे एक आदमी भी ऐसा नहीं मिला जिसने यह कहा हो कि मैं अटल जी के पास गया और उनसे मिल नहीं सका। वह लोगों से मुलाकात के प्रति कितने संवेदनशील थे इसका एक दिलचस्प उदाहरण लखनऊ में देखने को मिलता है। उन्होंने एक वाकये को याद करते हुए कहा कि उन दिनों देश में राम जन्मभूमि आंदोलन का दौर चल रहा था और अटल जी लखनऊ के सांसद हुआ करते थे। 

यूपी में राष्ट्रपति शासन लगा था

 
वाजपेयी जी जब भी लखनऊ में अपने प्रवास के लिए आते तो मीराबाई रोड के गेस्ट हाउस में रुका करते थे। उन दिनों ऐसे ही एक प्रवास के आखिरी रोज अटल जी मीराबाई रोड के गेस्ट हाउस में बैठे रात का खाना खा रहे थे। खाना खाने के बाद उन्हें वापस दिल्ली निकलना था। जिस कमरे में अटल जी मौजूद थे उसके बाहर लालजी टंडन और अन्य बीजेपी नेता खड़े हुए थे।इसी बीच लखनऊ के तत्कालीन डीएम और राज्यपाल मोतीलाल वोरा के सलाहकार घबराए हुए गेस्ट हाउस में पहुंचे। डीएम ने बड़ी घबराहट में लालजी टंडन से कहा कि उन्हें अटल जी से मुलाकात करनी है। इस पर बीजेपी नेताओं ने कहा कि अटल जी भोजन कर लें तो मुलाकात हो जाएगी, लेकिन डीएम और राज्यपाल के सलाहकार ने आपात स्थिति होने के कारण उनसे यह कहा कि तुरंत मुलाकात जरूरी है और अटल जी के कमरे का दरवाजा खोलकर उसमें दाखिल हो गए। अचानक पहुंचे डीएम को देखकर अटल जी ने पूछा, ‘कैसे आए डीएम साहब, कुछ विशेष’। 

विमान हाईजैक होने के बारे में बताया 

डीएम ने अटल जी से कहा कि अमौसी एयरपोर्ट पर एक युवक ने एक विमान हाईजैक कर लिया है और उसके हाथ में कोई बम जैसी चीज है। प्लेन हाईजैकर ने विमान को उड़ाने की धमकी दी है लेकिन यह कहा है कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी आ जाएं तो मैं सभी यात्रियों को छोड़ दूंगा, इसलिए अगर आप हमारे साथ चलें तो शायद सभी की जान बच जाए। डीएम की बात सुनकर लालजी टंडन ने कहा कि आप अटल जी को तो वहां ले जाएंगे पर क्या आपको इनकी सुरक्षा की परवाह नहीं है? डीएम कुछ जवाब दे पाते इससे पूर्व अटल जी ने खाना छोड़ा और डीएम के साथ चलने की हामी भर दी। बीजेपी नेताओं ने मना भी किया लेकिन अटल जी नहीं माने। 

 

हाईजैकर ने अटल जी को पहचानने से किया इनकार 

उस वक्त लखनऊ में कोई विशेष सुविधा वाला हवाई अड्डा नहीं था, सिर्फ एक हवाई पट्टी थी इसलिए अटल जी और हम सब डीएम और राज्यपाल के सलाहकार के साथ एयरपोर्ट के एक टॉवर पर पहुंचे। वहां से विमान में संपर्क हुआ तो अटल जी ने हाईजैक करने वाले युवक से बात शुरू की। हाईजैकर ने अटल जी की आवाज सुनी और कहा कि आप अटल बिहारी वाजपेयी नहीं हैं। तय हुआ कि अटल जी विमान में जाकर उस युवक से बात करेंगे। बीजेपी नेता तैयार नहीं हुए लेकिन अटल जी ने बिना कुछ सोचे डीएम को विमान तक चलने की व्यवस्था करने को कहा।

 निजी कार में हाईजैकर से मिलने पहुंचे 

एक निजी कार में अटल जी, लालजी टंडन, राज्यपाल के सलाहकार और जिलाधिकारी चारों लोग विमान तक पहुंचे जो एयरपोर्ट के किनारे पर खड़ा था। प्लेन के नीचे पहुंचकर लालजी टंडन ने युवक से अपना परिचय दिया तो उसने उन्हें पहचानने की बात कही। लालजी टंडन पहुंचे और फिर युवक से बात कर अटल जी को विमान में बुलाया। अटल जी पहुंचे तो लालजी टंडन ने कहा कि वाजपेयी जी इतनी दूर से तुमसे मिलने आए हैं, इनका पैर तो छू लो। इतना कहते ही युवक अटल जी का पैर छूने को जैसे ही झुका, तुरंत वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने जकड़ लिया। इस दौरान उस युवक ने अपने हाथ में पड़े एक सुतली के गुच्छे को फेंकते हुए कहा कि मेरे पास कोई बम नहीं है, मैं तो सिर्फ इन्हें यह बताना चाहता था कि देश में राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर कितना आक्रोश है।