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आपका Facebook अकाउंट का पासवर्ड हो सकता है हैक, बचने के ये 4 तरीके

नई दिल्ली: आज की आधुनिक दुनिया में हर कोई सोशल मीडिया फेसबुक का इस्तेमाल कर रहा है. फेसबुक के माध्यम से लोग दूर रहकर भी एक दुसरे से जुड़े रहते है. फेसबुक पर हमारी कई तरह की पर्सनल जानकारी भी होती है. ऐसे में सोचो अगर हमारा फेसबुक अकाउंट हैक हो जाए तो यकीनन हम मुश्किल में पड़ सकते है. हम बता रहे हैं कि कैसे हैकर आपके फेसबुक अकाउंट को हैक कर सकता है. साथ ही इससे बचने के तरीके भी बता रहे हैं. कैसे हो सकता है आपका फेसबुक अकाउंट हैक…

तरीका 1: पासवर्ड रीसेट कर हैकिंग
किसी के फेसबुक अकाउंट को हैक करने का ये सबसे आसान तरीका माना जाता है. इसमें हैकर किसी यूजर के पासवर्ड को रीसेट कर उसका अकाउंट हैक कर लेता है. लेकिन इसके लिए यूजर का हैकर की फ्रेंडलिस्ट में होना जरूरी होता है. इस तरह की हैकिंग तभी पॉसिबल है जब हैकर को सामने वाले के ई-मेल लॉगइन का पता हो.
 
पासवर्ड रीसेट हैकिंग से खुद को ऐसे बचाएं
फेसबुक अकाउंट पर अपने ईमेल एड्रेस या प्रोफाइल से जुड़ी जानकारी सिर्फ अपने तक ही सीमित रखें. सिक्युरिटी से जुड़ा सवाल और उसका जवाब कठिन से कठिन रखें, ताकि कोई इसे आसानी से क्रेक ना कर सके. सवाल को ऐसा ना रखें जिसका जवाब आपको जानने वाला कोई भी आसानी से दे सके. आपका अकाउंट अगर हैक हो गया हो तो उसे आप अपने दोस्तों के जरिए वापस रिकवर भी कर सकते हैं. आप अपनी फ्रेंडलिस्ट में से तीन दोस्तों को चुनकर उन तक मैसेज के जरिए अपना नया पासवर्ड पहुंचा सकते हैं. वे फिर से आपके लिए पासवर्ड रीसेट कर देंगे. 

तरीका 2 : ‘ की-लॉगर’ के जरिए हैकिंग
आपका फेसबुक अकाउंट ‘की-लॉगर’ के जरिए भी हैक हो सकता है. ये एक तरह का सॉफ्टवेयर है जो आपके की-बोर्ड पर होने वाले हर स्ट्रोक का रिकॉर्ड रखता है. ‘की-लॉगर’ हैकिंग हार्डवेयर के जरिए भी हो जाती है. लेकिन इस तरह की हैकिंग के लिए विक्टिम के कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के साथ ही USB ड्राइव का कनेक्ट होना भी जरूरी है जिसमें की-बोर्ड पर हुए सारे स्ट्रोक्स की समरी USB ड्राइव में सेव हो जाती है.
 
की-लॉगर हैकिंग से ऐसे बचें
इस तरह की हैकिंग से बचने के लिए आपको फायरवाल का इस्तेमाल करना होगा. आमतौर पर की-लॉगर इंटरनेट के जरिए हैकर को जानकारियां भेजता है, इसलिए फायरवाल इससे आपको बचा सकती है. फायरवाल आपके कंप्यूटर पर होने वाली हर तरह की ऑनलाइन एक्टिविटी को मॉनिटर करती है और किसी भी अनऑथोराइस्ड एक्टिविटी होने पर उसका पता लगा लेती है. आप पासवर्ड मैनेजर को इंस्टाल करके भी हैकिंग से बच सकते हैं.

की-लॉगर्स उस जानकारी को नहीं चुरा सकता जो आपने टाइप नहीं की है. पासवर्ड मैनेजर कई महत्वपूर्ण जानकारियों को टाइप किए बिना ही ऑटोमेटिक फिल कर लेता है. अपने कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें, क्योंकि किसी कंपनी को जैसे ही अपने सॉफ्टवेयर में किसी लूप होल का पता चलता है, वो उसे अपडेट में दूर कर देती है. इतना सब करने के बाद भी आप सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं तो नियमित अंतराल में पासवर्ड बदल सकते हैं

फेसबुक पासवर्ड हैकिंग का एक और तरीका है फिशिंग, जो बाकी ऑप्शन्स के मुकाबले है तो काफी मुश्किल लेकिन इसके बाद भी हैकर्स के बीच यही सबसे ज्यादा पॉपुलर है. हैकर्स फेक लॉग-इन पेज बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. बिल्कुल असली फेसबुक लॉग-इन पेज की तरह दिखने वाले ये पेज ईमेल के जरिए यूजर्स तक पहुंचते हैं और जैसे ही वो इसके जरिए लॉग-इन करते हैं, उनसे जुड़ी सारी जानकारियां भी हैकर तक पहुंच जाती हैं.
 
फिशिंग से खुद को ऐसे बचाएं
ईमेल के जरिए आने वाली लिंक्स पर क्लिक ना करें. अगर किसी ईमेल में आपसे लिंक के जरिए फेसबुक लॉगइन करने को कहा जाए, तो सबसे पहले आप उसका URL चेक करें, अगर फिर भी कोई डाउट है तो सीधे मेन वेबसाइट पर जाकर उसी तरह लॉग इन करें, जैसे आप करते आए हैं. फिशिंग केवल ईमेल के जरिए ही नहीं होती है। ये किसी वेबसाइट/चेट रूम/टेक्स्ट मैसेज और अन्य तरीकों से आने वाली लिंक से भी हो सकती है. यहां तक कि साइट पर मौजूद कई एड की वजह से खुलने वाली पॉपअप विंडो भी खतरनाक हो सकती है. अपने सिस्टम पर एंटी वायरस प्रोग्राम और वेब सिक्युरिटी सॉफ्टवेयर हमेशा इंस्टॉल करके रखें.
 
तरीका 4 :  कुकीज स्टीलिंग
कुकीज भी किसी फेसबुक अकाउंट को हैक करने में हैकर्स की मदद कर सकती हैं. कुकीज वेबसाइट्स को यूजर की हार्डड्राइव में इंफोर्मेशन सेव करने देती हैं, जिन्हें बाद में रिकवर किया जा सकता है. सिस्टम से सेव इन्हीं इंफोर्मेशन को कभी भी कोई हैकर चुरा सकता है लेकिन इसके लिए हैकर और यूजर का सेम वाई-फाई नेटवर्क शेयर करना जरूरी है.

कुकीज स्टीलिंग हैकिंग से ऐसे बचें
इस तरह की हैकिंग से बचने के लिए आपको अपने फेसबुक अकाउंट की सेटिंग्स में जाना होगा और अंडर सेक्युरिटी को चैक करना होगा। आपकी सेक्योर ब्राउजिंग हमेशा ऑन रहनी चाहिए. फायरशिप HTTPS जैसे इनक्रिप्टेड कनेक्शन्स पर कुकीज को नहीं पकड़ सकता, इसलिए HTTP से  दूर रहें तो बेहतर होगा. फुल टाइम SSL, फायरफॉक्स एडऑन्स जैसे HTTPS Everywhere or Force- TLS का इस्तेमाल करें. केवल भरोसेमंद वाई-फाई नेटवर्क का ही इस्तेमाल करें.

पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क को अवॉइड करें. अनजान कनेक्शन का इस्तेमाल करने पर कोई हैकर उसका अनुचित फायदा भी उठा सकता है. अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए VPN का इस्तेमाल करें. ये सेम वाई-फाई नेटवर्क में किसी भी तरह की साइडजैकिंग से आपको बचाएगा.