स्पोर्ट्स डेस्क|
आईपीएल-12 में बुधवार को जब हैदराबाद में चेन्नई सुपर किंग्स के नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जगह सुरेश रैना सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन के साथ टॉस करने पिच पर पहुंचे तो सब थोड़ी देर के लिए हैरान रह गए.
फिटनेस की वजह से हुए बाहर
धोनी ख़राब फिटनेस के कारण मैच नहीं खेले, और बस इतनी सी ख़बर से लगातार तीन मैच में हार से परेशान हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन का दाढ़ी के पीछे मुरझाया चेहरा खिला उठा.और इस खुशी को अंजाम तब मिला जब हैदराबाद ने धोनी की ग़ैरमौजूदगी का पूरा फ़ायदा उठाते हुए यह मैच छह विकेट से जीत लिया.
हैदराबाद के सामने जीत के लिए 133 रनों का लक्ष्य था जो उसने सलामी बल्लेबाज़ डेविड वार्नर के 50 और जॉनी बेयरस्टो के नाबाद 55 रन की मदद से 16.5 ओवर में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया.
ग़लत साबित हुआ पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला
इससे पहले टॉस जीतकर चेन्नई के कार्यवाहक कप्तान सुरेश रैना ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का हैरतअंगेज़ फ़ैसला किया.जो हैदराबाद की गेंदबाज़ी के सामने बिल्कुल ग़लत साबित हुआ.
ख़ैर चेन्नई ने सलामी जोड़ी शेन वॉटसन के 31 और फाफ डू प्लेसी के 45 रनों के सहारे जैसे-तैसे निर्धारित 20 ओवर में पांच विकेट खोकर 132 रन बनाए.वह तो अंबाति रायडू 25 रन बनाकर नाबाद रहे वरना हालत और भी ख़राब होती.चेन्नई के बल्लेबाज़ों को मुश्किल में डाला लेग स्पिनर राशिद ख़ान ने.उन्होंने चार ओवर में केवल 17 रन देकर दो विकेट हासिल किए.उनके अलावा विजय शंकर, शाहबाज़ नदीम और खलील अहमद ने भी बेहद किफायती गेंदबाज़ी करते हुए एक-एक विकेट हासिल किया.
धोनी की कमी
अब अगर महेंद्र सिंह धोनी इस मैच में नहीं खेले तो क्या यही चेन्नई की हार का कारण रहा क्योंकि केवल एक खिलाड़ी के दम पर तो कोई टीम मैदान में नहीं उतरती है.
लेकिन चेन्नई ने जिस अंदाज़ में धोनी की ग़ैरमौजूदगी में घुटने टेके और हैदराबाद ने चेन्नई के क़िले में जीत की सेंध लगाई उससे यह बात सच ही साबित होती है.इस मैच में ना होना हैदराबाद के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त थी.धोनी ना केवल बेहद शानदार विकेटकीपर हैं, बल्लेबाज़ है और जो उनकी तरकीब होती है, एक कप्तान का किरदार होता है, बहुत कठिन से कठिन परिस्थिति में भी जीता देते हैं, वह कुछ सुरेश रैना की कप्तानी में देखने में नही आया.