नई दिल्ली। देश के सभी नागरिकों ने अपनी जिंदगी में एक न एक बार भारतीय रेल से सफर किया होगा। इसके अनुभव की बात करें तो ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि यात्रा आम रही। लेकिन शायद आपको यह पता नहीं होगा कि भारतीय रेल में ही जब रेलमंत्री सफर करते हैं तो उस यात्रा का अनुभव खासा अलग होता है। ट्रेन के कोच पांच सितारा होटल जैसे होते हैं। जिनमें उपयोग की सभी वस्तुएं लग्जरी होती हैं। अगर आपने इन कोच में सफर करने का अनुभव नहीं लिया है तो आपके लिए खुशखबरी है। दरअसल, अब कोई भी आम यात्री इन कोचों में सफर कर सकता है। वर्तमान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने IRCTC को इन सैलून के कॉमर्शियल यूज को मंजूरी दे दी है।
इस साल मार्च में IRCTC ने एसी सैलून वाले कोच, अटैच्ड बाथरूम और वैलेट सर्विस के साथ आम जनता को शुल्क लेकर उपलब्ध कराने का फैसला किया था। पहले ये सैलून केवल रेलवे अधिकारियों के लिए रिजर्व रहते थे। रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय रेल के पास कुल 336 सैलून है, जिसमें 62 एयरकंडीशंड हैं।
रेल मंत्री ने आईआरसीटीसी से उनके लिए उपलब्ध दो सैलून का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलमंत्री ने यह निर्देश बुधवार की शाम को जारी किए। सूत्र ने बताया कि मंत्री का मानना है कि ये सैलून बेकार पड़े हैं, ऐसे में इसके वाणिज्यिक इस्तेमाल से रेलवे को कमाई होगी।
आपको बता दें कि इन सैलून में एक बड़े होटल की तरह ड्रॉइंग रूम, दो बेडरूम, टॉयलेट और किचन जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी। साथ एक कुक किचन में हमेशा मौजूद रहेगा। ये सैलून रेलमंत्री, रेल राज्यमंत्री, रेलवे बोर्ड जीएम, उनके कार्यालय के सीनियर अफसर, आरडीएसओ के डीजी और एडीजी, रेलवे कारखानों के प्रमुखों के साथ मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त, रेल आरक्षा आयुक्त और डीआरएम व उनके सीनियर अफसरों को मिलता है।