इससे पहले स्मृति और पूनम राउत की भारतीय ओपनिंग जोड़ी ने 144 रन की साझेदारी की। भारतीय कप्तान मिताली राज ने भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 71 रनों का योगदान दिया। हरमनप्रीत कौर 24 रन पर नाबाद रहीं। काउंटी मैदान पर मेजबान टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी। इंग्लैंड टीम को उम्मीद थी कि उसकी तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजी के शीर्ष क्रम को आसानी से ध्वस्त कर देगी लेकिन हुआ ठीक उलट।
स्मृति और पूनम ने बेहतरीन बल्लेबाजी का नजारा पेश कर इंग्लैंड को विकेट के लिए तरसा दिया। इंग्लैंड को पहली सफलता 27वें ओवर में मिली थी। एक ओर जहां पूनम राउत सूझबूझ के साथ खेल रहीं थी वहीं स्मृति का अंदाज आक्रामक था। स्मृति ने 72 गेंदों पर खेली अपनी पारी में 11 चौके और दो छक्के लगाए। जबकि राउत ने 134 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया। स्मृति ने चौथे ओवर में कैथरीन ब्रंट पर लगातार चार चौके जड़कर अपने तेवर दिखा दिए थे।
उन्होंने मनमाफिक अंदाज में शॉट खेलने से इंग्लिश गेंदबाज बेबस नजर आने लगी थीं। उन्होंने बैकफुट पर शानदार पंच जड़े, वाइड लांग आन पर लगाया गया उनका छक्का तो वाकई दर्शनीय था। भारतीय टीम ने 10 ओवरों में 59 रन बना लिए थे। हालांकि अगले दस ओवरों में भारतीय टीम ज्यादा तेजी से रन नहीं बटोर सकी। बीस ओवरों में भारत का स्कोर बिना क्षति के 97 रन था।
बाएं हाथ की 20 वर्षीय बल्लेबाज स्मृति मंधाना जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग के दौरान चोटिल हो गईं थी। उनका विश्व कप में खेलना भी संदिग्ध माना जा रहा था लेकिन अंतिम क्षणों में वह फिट होकर लौटीं और पहले ही मैच में अपनी जोरदार पारी से उन्होंने फॉर्म के संकेत दे दिए हैं। साथ ही अपनी मैच फिटनेस भी साबित कर दी है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं के फैसले को भी सही साबित करने की कोशिश की है।
मिताली का सातवां अर्द्धशतक
भारतीय टीम की अनुभवी कप्तान मिताली राज ने इस मैच में 71 रन की पारी खेली। इस पारी के दौरान उन्होंने आठ चौके लगाए। जो उनका वनडे में लगातार सातवां अर्द्धशतक है। पिछली छह पारियों में उन्होंने क्रमश: 62नाबाद , 54, नाबाद 51, नाबाद 73, 64 और अविजित 70 रन की पारियां खेलीं। अनुभवी मिताली 100 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुकी हैं। इस विश्व कप में उनके अनुभव और फॉर्म का भारतीय टीम को बड़ा लाभ मिल सकता है।