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अभी-अभी: सीटू के बैनरतले शासकीय कर्मचारियों व मजदूरों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली। शासकीय विभागों में कार्यरत अस्थायी अर्थात् कच्चे कर्मचारियों ने अपनी माॅंगों को लेकर लघु सचिवालय के द्वार पर धरना दिया। इन कर्मचारियों ने सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की। यह प्रदर्शन सेंटर आॅफ इंडियन ट्रेड यूनियन द्वारा किया गया। मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शनकारी पार्क से लघु सचिवालय की ओर पहुॅंचे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में लाल झंडे थे। वे सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और उनके हाथों में विरोधी स्लोगन लिखी तख्तियाॅं लगी थीं।

मजदूरों व कर्मचारियों की माॅंगे थीं कि सरकार से मांग की कि राशन डिपो से 14 जरूरत की चीजें सस्ती दर पर उपलब्ध करवाई जाएं, राज्य में न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये घोषित किया जाए, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव वापस हों, श्रम कानूनों की उल्लंघना करने वाले मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होए सभी ठेका कर्मियों को पक्का किया जाये, समान काम समान वेतन के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश लागू किए जाएं, ईएसआई पीएफ में धोखाधड़ी करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो, आंगनबाड़ी कर्मियों की ओर से धरने प्रदर्शनों की मनाही का फैसला वापिस लिया जाए

 सोनीपत में बर्खास्त वर्कर्स की बहाली की जाए, वित्त मंत्री की ओर से घोषित आंगनबाड़ी कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी लागू की जाए। प्रदर्शन के दौरान उपस्थितों को संबोधित करते सीटू के प्रदेशाध्यक्ष सुखवीर सिंहए जिला प्रधान नत्थूराम भारूखेड़ा,जिला सचिव विजय सिंह ढूकड़ा ने कहा कि भाजपा की सरकार से प्रदेश की मेहनतकश जनता को उम्मीद थी कि यह सरकार उनके हित में कदम उठाएगी। लेकिन प्रदेश के विकास जीडीपी में बड़ी भूमिका निभाने वाला मजदूर तबका स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है। सरकार ने मजदूर के हित में बने कानूनों में संशोधन करके मजदूरों से छल किया है।

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