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अभी अभी : गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान न करने पर पूर्व चुनाव आयुक्त ने EC पर उठाए सवाल…

ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान न करके चुनाव आयोग ने आफत मोल ले ली है, एक तरफ जहां विपक्षी दल आयोग के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं वहीं अब पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। 
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से मैं काफी हैरान हूं, क्योंकि गुजरात और हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल एक साथ अगले साल खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग ने दोनों राज्यों की चुनावों की तारीख का ऐलान क्यों नहीं किया?

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2018 को समाप्त हो रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश का कार्यकाल 7 जनवरी को खत्म हो रहा है। लेकिन मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति ने सिर्फ हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। 

कृष्णमूर्ति ने कहा कि अगर इस पूरे मैनेजमेंट को ठीक ढंग से संभाला होता तो यह विवाद पैदा ही न होता। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चुनाव आयोग को हिमाचल के साथ-साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देना चाहिए था। मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा कि आयोग का यह फैसला प्रभावित है या नहीं, मैं सिर्फ इस बात को लेकर चिंतित हूं कि प्रशासनिक तौर पर इसका हल निकल सकता था। 

दोनों राज्यों में एक साथ चुनावों की तारीखों का ऐलान न करने के पीछे ज्योति ने गुजरात में आए बाढ़ का हवाला देते हुए कहा था कि गुजरात में बाढ़ की वजह से वहां पर राहत और पुनर्वास का काम चल रहा है, जिसको देखते हुए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया।