देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
न्यायालय में पहुंचकर पीडि़तों को इंसाफ दिलाने की मंशा लेकर एक युवक ने एलएलबी कालेज में प्रवेश लिया। प्रति सेमेस्टर निर्धारित फीस भरता रहा। नियमित रूप से कक्षा में पहुंचकर अध्ययन करता रहा। फिर परीक्षा का वक्त आया। जब प्रवेश पत्र बंटने शुरू हुए और छात्र विद्यालय पहुंचा तो उसे पता चला कि उसका प्रवेश ही नहीं है। उसने विद्यालय से दी गई फीस रसीद दिखाई फिर भी कालेज नहीं माना। पीडि़त ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
- ओयल कस्बा निवासी मोहम्मद अरशद पुत्र हासिम हुसैन ने एलएलबी डिग्री हासिल करने के लिए मनु ला कालेज में प्रवेश लिया था।
- 20 मई 2016 को कालेज की निर्धारित फीस आठ हजार रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से जमा किया था। प्रवेश के बाद उसे कालेज की आईडी मिली।
- वह नियमित रूप से कक्षा में पहुंचकर अध्ययन करने लगा। पूरा साल पढ़ाई की। पांच मई 2017 से एलएलबी की परीक्षाएं आयोजित होनी हैं।
- जब प्रवेश पत्र बंटने शुरू हुए और वह अपना प्रवेश पत्र लेने कालेज पहुंचा तो उसे बताया गया कि उसका कालेज में प्रवेश ही नहीं है। इस पर उसने फीस रसीद दिखाई तथा नियमित कक्षाएं ज्वाइन करने की जानकारी दी।
- इसके बावजूद विद्यालय प्रबंधन मानने को राजी नहीं हुआ। छात्र ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।पैसे ले लो और कुछ नहीं हो सकता
- जिलाधिकारी ने प्रार्थना पत्र पर गंभीरता जताते हुए डीआईओएस को आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा। अरशद का आरोप है कि जब वह जिला विद्यालय निरीक्षक के पास पहुंचा तो उन्होंने संतोषजनक कार्रवाई करने की बजाए दो टूक शब्दों में कह दिया कि इस मामले में अब कुछ नहीं हो सकता। साल तो खराब ही हो गया। पैसे ले लो। इस जवाब से परेशान होकर छात्र ने अब सीएम से मिलने का मन बनाया है।