ये 21वीं सदी है, और हम वैज्ञानिक युग में रहते हैं लेकिन फिर भी ऐसी कई मान्यताएं हैं जो आज-तक नहीं बदली हैं। शकुन-अपशकुन इनमें से ही एक है।
ऐसा नहीं इनको अशिक्षित लोग मानते हैं बल्कि शिक्षित लोग भी इन बातों से जुड़े अंधविश्वास को मानते हैं। इनमें विद्यार्थी, राजनेता, अभिनेता, व्यापारी यहां तक कि विद्वान साधु महात्मा भी शामिल हैं। वैज्ञानिक भी इन पर विश्वास करते हैं।
गौर करने वाली बात ये है शकुन-अपशकुन मानने की अवधारणा नई नहीं, बल्कि सदियों पुरानी है। यह कब शुरू हुई कहना मुश्किल है लेकिन लोग इसे मानते आ रहे हैं।
यदि सरल शब्दों में कहें तो कुछ ऐसी शक्तियां जो हमें भविष्य में होने वाली अच्छी/बुरी घटना का पूर्व संकेत देती हैं। इन्हीं को हम शकुन-अपशकुन का नाम देते हैं। जैसे नींबू, मिर्ची, काजल का टीका आदि। यह सभी किसी भी तरह के अपशकुन से बचने का साधन मात्र हैं।
जब कि शकुन सकारात्मक तौर पर देखे जाते हैं। शकुन का अर्थ है ऐसे शुभ लक्षण, जो हमारे मन में आत्मविश्वास पैदा करते हैं कि हमारा काम पूर्ण होगा।
– सूर्य निकलने से पहले यदि नीलकंट के दर्शन हों तो यह बेहद शुभ शकुन माना जाता है।
– किसी सोते हुए व्यक्ति पर यदि बिल्ली गिर जाए तो यह अपशकुन माना जाता है। तब उसके ऊपर गंगा जल की कुछ बूंदे छिड़क देना चाहिए।
– यदि कहीं जाते समय गाय अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई दिखाई दे तो यह शुभ शकुन माना जाता है।
– सुअर देखना शुभ शकुन है यदि सुअर कीचड़ से सना हुआ है तो और भी शुभ माना जाता है।
– यदि आप यात्रा पर जा रहे हैं और गधा बाईं तरफ से आता दिखाई दे और वह जोर-जोर से रेंकता हो तो बहुत शुभ शकुन माना जाता है।