पत्र में लिखा गया है कि सिर्फ डीलरशिप अनुबंध निरस्त करने को कस्टमरों के साथ धोखाधड़ी कर रहे पंप डीलरों के लिए उचित दंडात्मक कार्रवाई नहीं माना जा सकता।
तेल कंपनियों को चेताते हुए लिखा गया है कि यदि पंप संचालकों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने की कार्रवाई न हुई तो प्रशासन अपने स्तर से ऐसे पंप डीलरों के साथ ही संबंधित तेल कंपनी को भी पूरे मामले में सह आरोपी बना प्राथमिकी दर्ज कराएगा।
इसमें आईओसी के चार, बीपीसीएल का एक व एचपीसीएल के दो पंप शामिल थे। जिला प्रशासन की जांच में गड़बड़ी में फंसे सभी 29 पंपों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। जबकि तेल कंपनियों ने सिर्फ पंप डीलरों का अनुबंध ही समाप्त किया।
एफआईआर से बचे हुए हैं सात पंप
तेल कंपनियों की मेहरबानी से साथ पंप डीलरों पर अभी तक केस दर्ज नहीं हुआ है। हालांकि कंपनी स्तर से इनके साथ डीलर अनुबंध खत्म किया जा चुका है।
इनमें आईओसी कंपनी का चिनहट सर्विस स्टेशन, सत्यम फिलिंग सेंटर, अलीगंज फिलिंग स्टेशन, मिश्रा फिलिंग सेंटर व स्टैंडर्ड फिलिंग स्टेशन, एचपीसीएल कंपनी के मोहनलालगंज स्थित मान फिलिंग स्टेशन व इटौंजा के शहीद हरी सिंह बिष्ट पंप और बीपीसीएल के आशियाना स्थित चंद्रा फिलिंग स्टेशन के डीलर शामिल हैं।