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गेमिंग के शौकीन हो जाएं सावधान, वायरस से एंट्री करके डाटा चुराने लगे हैकर

मोबाइल, कंप्युटर गेमिंग के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। खबर ये है कि हैकर्स ने अपना नया टारगेट 25 करोड़ गेमर्स को रखा है और धीरे-धीरे वायरस की मदद से इनका डेटा चोरी किया जाने लगा है। दरअसल गेमिंग के शौकीन बच्चे और युवा अधिक हैं और अगर वे अपने बड़ों की ईमेल आईडी या किसी जरूरी पासवर्ड का सहारा अपनी गेमिंग के लिए करते हैं तो ये उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

साइबर क्रिमिनल्स पॉपुलर ट्रोजन मैलवेयर (वायरस) की मदद से यूजर्स के डेटा को एक्सेस कर रहे हैं। इसके बाद इस वायरस की मदद से हैकर्स यूजर के सिस्टम का पासवर्ड चुराते हैं। पासवर्ड आ जाने के बाद साइबर क्रिमिनल्स अपनी सुविधा के हिसाब से डाटा चुरा लेते हैं। एनारकीग्रेबरक्स नामक वायरस हैकर फोरम्स पर भी फ्री में उपलब्ध है और ये इससे हैकिंग के कई वीडियो यूट्यूब पर भी मौजूद हैं।

गेमिंग से पासवर्ड तक पहुंचने में इस वायरस को चीट कोड मदद करता है। चीट कोड, हैकिंग टूल या कॉपीराइट सॉफ्टवेयर के रूप में एंटर करता है। इसके बाद एनार्कीग्रैबर यूजर के कंप्यूटर या स्मार्टफोन में इंस्टाल हो जाता है। इंस्टॉल होने के बाद डिस्कॉर्ड क्लाइंट के जावास्क्रिप्ट फाइल्स में बदलाव कर देता है। ऐसा होने के बाद वायरस यूजर के डिस्कॉर्ड टोकन से डेटा की चोरी शुरू कर देता है।

5 साल से भी कम के समय में गेमर्स के बीच डिस्कॉर्ड कम्यूनिटी की पॉप्युलैरिटी तेजी से बढ़ी है। दुनियाभर में डिस्कॉर्ड के रजिस्टर्स यूजर्स की संख्या 25 करोड़ है। इसमें से 1.5 करोड़ यूजर ऐसे हैं जो रोज इस गेम को खेलते हैं। दरअसल गेमिंग से पहले स्मार्टफोन हैक किया जाता था। उसके बाद हैकर्स की नजर स्मार्ट टीवी पर पड़ी। दरअसल स्मार्ट टीवी मोटे तौर पर उसी तरह के सॉफ्टवेयर पर काम करता है जैसा आपके स्मार्टफोन में होता है। इसके लिए आपको इंटरनेट की भी जरूरत होती है।