देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
| चार सीसीटीवी कैमरों से होगी बाघ की निगरानी।
पिछले पांच दिनों से ग्रामीण बस्तियों में आतंक का पर्याय बने बाघ के कारण ग्रामीण अंचलों में किसान व ग्रामीण परेशान है। वन विभाग के कर्मचारियों की निरंतर चल रही काम्बिंग में 22 अक्टूबर को बाघ की लोकेशन लीलापुर पन्नापुर के पास पाई गई।इसके बाद अचानक उसकी लोकेशन व पगचिहन दिखाई देने बंद हो गए। इसके बाद 23 अक्टूबर को वनरेज महेशपुर की शहजनिया बीट के ग्राम मस्तीपुर, लौकीखेडा में तीन ग्रामीणों पर बाघ या तेदुए के हमले की खबरों से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
- इधर घट रही घटनाओं व बाघ या तेदुंए के आंतक को लेकर तीन दिन पूर्व डीएफओ स्तर से कैमरे लगाए जाने के निर्देश जारी हुए।
- जिसके बाद हरकत में आए रेंज अधिकारियों ने बुधवार को सुबह से ही कडी कवायद करते हुए चिन्हित किए क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर चार कैमरों को लगवाया।
- इसी के साथ वन विभाग को बुधवार को करीब बारह बजे सुभाष नगर निवासी सरदार वीरा सिंह ने वन विभाग को सूचना दी कि वह गोला की ओर जा रहा था।
- इसी बीच जैसे ही उसने सुभाष नगर चैराहे से कंजी घाट के लिए मुडा उसी दौरान उसने देखा कि बाघ पश्चिम दिशा से पूरब दिशा की ओर गन्ने के खेतों में घुस गए।
- जिस पर फारेस्ट गार्ड माया ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। लेकिन खडंजा व घास होने के कारण पगचिहनों की पहचान नहीं हो सकी।
- इसी के साथ क्षेत्र के ग्राम कन्हैयागंज, तूलमेलगंज, नयागांव, बिहारीपुर, भदहिया, लीलापुर, नासिरपुर आदि जंगल से सटे आदि गांवो में वनविभाग के कर्मचारियों ओमप्रकाश, जगदीश वर्मा, जेपी वर्मा, रमेश मिश्रा, कृष्ण कुमार, अशोक शुक्ला, रमेश मिश्रा, रामनरेश, अनिल शर्मा, मायाप्रसाद की टीम क्षेत्र में कांम्बिंग कर रही है। तथा ग्रामीणों को अलर्ट कर रही है।