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आयुर्वेद में नवीन शोध अध्ययन को आगे आए युवा : योगी

लखनऊ: “आयुर्वेद दुनिया को भारत का उपहार कहा जाता है। दुनिया कोरोना की विषम परिस्थिति का सामना कर रही है, ऐसे में विश्व ने आयुर्वेद के महत्व को पहचाना है। यह पद्धति इलाज के साथ रोजगार सृजन भी इसमें शोध-अनुसंधान की असीम संभावनाएं हैं। इस विधा के विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल होगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के कुलाधिपति के रूप में सोमवार को बीएएमएस प्रथम बैच के विद्यार्थियों से कहा। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कुलाधिपति योगी ने कहा कि आयुर्वेद विधा आज देश में विदेशी मुद्रा ला रही है। यह इलाज की पद्धति निर्यात में भी योगदान दे रही है। कोरोना काल की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कोरोना को नियंत्रित करने में आयुर्वेद सफल रहा है। इसके कारण विश्व में इसका स्थान बढ़ा है।

योगी से साक्षात संवाद करते हुए अभिभूत छात्र-छात्राओं ने कई जिज्ञासाएं भी जाहिर कीं। एक छात्र ने प्रदेश सरकार द्वारा आयुर्वेद के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी चाही तो एक ने सैन्य सेवा में आयुर्वेद के चिकित्सकों की सेवा लिये जाने का सुझाव दिया। विद्यार्थियों की उत्सुकता को देखते हुए योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है। यह विश्वविद्यालय न केवल आयुर्वेद बल्कि समस्त प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के शोध-अध्ययन को बढ़ावा देगा। सीएम योगी ने बताया कि इसी विश्वविद्यालय से प्रदेश के आयुष विधा के कॉलेजों की प्रशासनिक व्यवस्था भी की जाएगी। सबसे अच्छी बात यह कि यह विश्वविद्यालय गोरखपुर में ही स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद यह प्राचीनतम और सटीक इलाज की पद्धति है। इसमें नए रिसर्च को बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ ही आयुर्वेद से जुड़े औषधीय पौधों की खेती भी पूर्वांचल के किसान कर सकते हैं। सरकार उन्हें हर सम्भव सहायता भी मुहैया कराएगी