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क्या पूर्वसीएम अखिलेश यादव अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे?

आज यह सवाल स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले सपा कार्यकर्ताओं की ओर से अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा छेड़ दी गई। बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद एक वर्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाए जाने की बात कर रहा था। इसी बीच यूपी से अखिलेश का नाम सामने आ गया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद अखिलेश ने जिस प्रकार से केंद्र पर हमला बोला, उसके मायने साफ थे कि लखनऊ के रास्ते दिल्ली तक का सफर तय करने की तैयारी चल रही है। हालांकि, अब अखिलेश यादव ने इस विषय पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर तीन नेताओं पर इसकी जिम्मेदारी तय करन और खुद यूपी पर ध्यान लगाने की बात कही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन का एक खाका भी खींच दिया है।

साफ होता जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के पीएम नरेंद्र मोदी की राह को दो तरफ से घेरने की कोशिश होगी। कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए का अलग धरा चलेगा। वहीं, समाजवादी पार्टी तीसरे धड़े के साथ खड़ी दिख सकती है। ऐसे में 2024 का राजनीतिक समीकरण एक बार फिर उलझता दिख रहा है। बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद माना जा रहा था कि जैसा प्रयोग नीतीश कुमार ने किया, उसी प्रकार का राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकता है। मतलब, तमाम राजनीतिक पार्टियां भाजपा को एक बार फिर सत्ता में लौटने से रोकने के लिए एक छतरी के नीचे आ सकती है। अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में साफ किया है कि उनका फोकस यूपी है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं। इन सीटों पर जीत का पलड़ा जिसकी तरफ झुकेगा, वही दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगा। इतना तय है। अखिलेश को उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यूपी में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ी होगी। यूपी चुनाव में सपा ने इसी प्रकार से मुकाबला को दो ध्रुवीय बनाने की कोशिश की। चुनावी मुकाबले से प्रदेश में ताकतवर रही पार्टियां बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पिछड़ती नजर आई। लेकिन, उसका फायदा सपा को नहीं मिल पाया। लोकसभा उप चुनाव में एक बार फिर बसपा का उभार आजमगढ़ में दिखा।