पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। उन्हें उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक बार फिर से सभी को चौंकाते हुए बड़ा सियासी दांव खेल दिया है। धनखड़ साल 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने और तब से उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लगातार टकराव होता रहा। दोनों की बीच तल्खी इतनी बढ़ गई कि ममता बनर्जी ने उन्हें ट्विटर पर ब्लॉक तक कर दिया। राज्य सरकारों और राज्यपाल के बीच संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है लेकिन बंगाल के राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी संघर्ष इतना शर्मनाक कभी नहीं रहा।
धनखड़ और सत्तारूढ़ दल और उसके नेता के बीच तीखी नोकझोंक के कारण अक्सर एक-दूसरे पर राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा से लेकर, सदन में पारित विधेयकों की स्वीकृति में देरी के अलावा सदन के कामकाज में हस्तक्षेप के मुद्दों पर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। 30 दिसंबर 2021 को, ममता बनाम धनखड़, बंगाल में, राज्यपाल को विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में बदलने की बात पर ताजा विवाद छिड़ गया। धनखड़ ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि कोलकाता और जादवपुर सहित राज्य के 24 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया है। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर उन विश्वविद्यालयों की सूची भी प्रकाशित की। उस सूची में कोलकाता, जादवपुर, गौरबंगा, अलीपुरद्वार, बर्दवान जैसे विश्वविद्यालय शामिल थे।