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अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर समूचे उप्र में सतर्कता बढ़ी

 

 

लखनऊ। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर समूचे उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गयी है। खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं और अयोध्या को सुरक्षा बलों की छावनी में तब्दील किया जा रहा है।

फैसले के बाद प्रदेश का सामाजिक सद्भाव बना रहे, इसके लिए जनपद स्तर पर जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा विभिन्न धर्मगुरुओं और संगठनों के साथ गोष्ठियों का आयोजन कर शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की जा रही है। प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हो रही है।

श्रीराम जन्मभूमि के अतिरिक्त पूरे जनपद की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गयी है। पुलिस के अलावा भारी संख्या में अर्धसैनिक बल और पीएसी के जवान तैनात किये गये हैं। प्रमुख धार्मिक स्थलों पर बैरिकेटिंग की जा रही है। अयोध्या को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट बनाये जा रहे हैं और वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये जा रहे हैं। इसके अलावा खुफिया एजेंसियों की कई टीमें अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं। वहां हर गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही है।

पुलिस महानिदेशक कार्यालय से भी अयोध्या समेत पूरे प्रदेश की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर इस समय लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। अयोध्या के अलावा मथुरा, काशी समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार का कहना है कि सभी जिलों की पुलिस को अतिरिक्त चैकस रहने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बुधवार को राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर मामले में उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला होगा, उप्र सरकार उसे पूरी तरह लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था के मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही है। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के साथ सरकार सख्ती से निपटेगी।

इस बीच ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशीद फरंगी महली ने लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला आये उसका सम्मान सभी को करना चाहिए। फरंगी महली ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर किसी को कोई बयानबाजी न करने की भी अपील की है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई करके फैसले को सुरक्षित कर रखा है। शीर्ष अदालत के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने लगातार 40 दिन तक इस मामले की सुनवाई की। माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय 17 नवम्बर से पहले किसी भी दिन इस मामले में अपना फैसला सुना देगा।