नई दिल्ली। बियर किंग विजय माल्या को लेकर एक आश्चर्यजनक जानकारी सामने आई हैै। दरअसल किंगफिशर एयरलाईंस के प्रमुख विजय माल्या को बैंक लोन दिलवाने में एक नौकरशाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल जिस नौकरशाह की बात की गई है वे तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में कार्यरत थे। इस मामले मेें ईमेल के माध्यम से जानकारी सामने आई है।
मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान संयुक्त बैंकिंग सचिव रह चुके अमिताभ वर्मा द्वारा कथित तौर पर विजय माल्या की बात सरकार के विभिन्न घटकों से करवाई गई थी। विजय माल्या ने फरवरी 2009 में एयरलाईंस कंपनी के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी रवि नेदुंगड़ी को एक ईमेल किया था। इस मेल में यह जानकारी दी गई थी कि किंगफिशर को फाइनेंशियल सहायता के लिए यूपीए सरकार ने मदद का आश्वासन दिया है।
इसके बाद एक और ई मेल मिला जिसमें उल्लेख किया गया कि जो प्रस्तुतीकरण माल्या की कंपनी ने दिया था उसे फायनेंस मिनिस्टर ने स्वीकार कर लिया था। माल्या ने अपने एक ई मेल मेें नेदुंगड़ी को लिखा था कि जो बैंक उन्हें कर्ज देने के लिए तैयार हैं उनकी सूची को लेकर वे वित्त मंत्रालय से चर्चा करेंगे।
इसके लिए नेदुंगड़ी को उल्लेख करना होगा। माल्या ने एक मेल में कथित तौर पर अमिताभ वर्मा का उल्लेख किया है। किंगफिशर कंपनी के सीएफओ ए रघुनेंदन को यह मेल किया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था कि अमिताभ वर्मा 7 दिन में विभिन्न बैंकों को राजी करेंगे।