पीएम मोदी की बीजेपी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को बेतुकी बयानबाजी से बचने की नसीहत को भाजपा के मंत्री और नेता हल्के में ले रहे हैं. जहां पीएम ने मीडिया को मसाला न देने की बात कही थी. वहीं त्रिपुरा का सीएम इसके बाद भी लगातार विवादित बयानबाजी कर रहे हैं. अब इसी कड़ी में त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने उदयपुर में टैगोर की जयंती पर श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों का विरोध करते हुए अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था. बिप्लब के इस बयान को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर खूब निंदा हो रही है.
त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव का विवादित बयान
पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर बिप्लब देब का एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह विडियो 9 मई को त्रिपुरा के उदयपुर में आयोजित टैगोर की 137वीं जयंती कार्यक्रम का बताया जा रहा है.वीडियो में वे कह रहे हैं, “अंग्रेजों के विरोध में गुरुदेव ने नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था.” विवाद बढ़ने पर इस मसले पर बिप्लब देब ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.उन्होंने विपक्षी दलों से लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने की बजाए राज्य के विकास में सहयोग की अपील की.
सच्चाई हैं ये
हालांकि सच्चाई ये है कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि, उपन्यासकार, नाटककार, चित्रकार और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में ब्रिटिश राज द्वारा दिए गए नाइटहुड के खिताब को लौटा दिया था, लेकिन उन्होंने स्वीडिश अकादमी द्वारा दिए गए नोबल पुरस्कार को कभी नहीं लौटाया.