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मुंबई पुलिस की तर्ज पर दिल्ली पुलिस की तीन शिफ्ट

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली पुलिस में अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना थानों में पुलिसकर्मियों की तीन शिफ्ट में ड्यूटी को लेकर योजना बना रहे हैं। इसके लिए मुंबई पुलिस के शिफ्ट प्लान का भी अध्ययन किया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो इससे पुलिसकर्मियों की मानसिक स्थिति में सुधार आएगा और लोगों की समस्याओं का समाधान वह बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

दिल्ली पुलिस के इतिहात में पहली बार होगा ऐसे

जानकारी के अनुसार, दिल्ली में करीब 180 थाने हैं। इनमें 30 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती है। आजादी से लेकर अभी तक इनकी कोई शिफ्ट नहीं हैं। कई बार 24 से 48 घंटे तक उन्हें लगातार काम करना पड़ता है। साप्ताहिक अवकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। पुलिसकर्मी कोई भी त्योहार अपने परिवार के साथ नहीं मनाते। इसकी वजह से वह बेहद दबाव में रहते हैं। कई बार इस दबाव के चलते कई पुलिसकर्मी खुदकुशी भी कर लेते हैं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना थानों को तीन शिफ्ट में बांटना चाहते हैं।

मुंबई पुलिस ऐसे करती है काम

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि पुलिस कमिश्नर की यह महत्वपूर्ण पहल है। इसे करना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। वेदभूषण ने बताया कि मुंबई में थाने 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में चलते हैं। वहां प्रत्येक थाने में पांच इंस्पेक्टर होते हैं। इनमें एक सीनियर इंस्पेक्टर होता है, जिसके पास पूरे थाने की जिम्मेदारी होती है।
इसके अलावा चार अन्य इंस्पेक्टर होते हैं, जो दो-दो की शिफ्ट में काम करते हैं। इनमें से एक इंस्पेक्टर कानून व्यवस्था जबकि दूसरा जांच का जिम्मा संभालता है। इसी तरह अन्य पुलिसकर्मियों को भी दो शिफ्ट में आधा-आधा बांट दिया जाता है। इनमें से तेज तर्रार पुलिसकर्मियों को जांच लगाया जाता है जबकि अन्य कानून व्यवस्था संभालते हैं।

दिल्ली के थानों में सात इंस्पेक्टर को करना होगा तैनात

पूर्व एसीपी वेदभूषण ने आगे बताया कि दिल्ली पुलिस को अगर तीन शिफ्ट में बांटा जाता है तो प्रत्येक थाने में सात इंस्पेक्टर रखने होंगे। पुलिस कमिश्नर ने कानून व्यवस्था और जांच को अलग करने की भी बात कही है। ऐसे में एक एसएचओ के पास पूरे थाने की जिम्मेदारी होती है।
वहीं तीन अलग-अलग शिफ्ट में दो-दो इंस्पेक्टर को तैनात करना होगा। इनमें से एक इंस्पेक्टर कानून व्यवस्था और दूसरा जांच का जिम्मा संभालेगा। इसी तरह अन्य स्टॉफ को भी तीन शिफ्ट में बांटना होगा। प्रत्येक शिफ्ट में दो टीम होगी जिनमें से एक टीम कानून व्यवस्था संभालेगी और दूसरी जांच करेगी।

मानसिक दबाव से मुक्त रहेंगे पुलिसकर्मी

एसीपी वेदभूषण ने आगे बताया कि आठ घंटे की शिफ्ट में काम करने वाले पुलिसकर्मी मानसिक दबाव से मुक्त रहेंगे। वह अपने परिवार के साथ भी समय बिता सकेंगे, जिससे वह खुद को फ्रेश महसूस करेंगे। इससे उनके काम में भी सुधार आएगा। ऐसे पुलिसकर्मी पूरी ऊर्जा के साथ काम करेंगे। वहीं, इस फैसले का लाभ करीब 84 फीसदी फोर्स को होगा।