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विश्व पशु दिवस मनाने का यह है मुख्य उद्देश्य

देशभर में विभिन्न प्रकार के पशुओं की संख्या में धीरे धीरे कमी और उनके अचानक से विलुप्त होते देख इनके संरक्षण के लिए लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को मनाया जाता है l

असीसी केसेंट फ्रांसिस का आज के दिन मनाया जाता है जन्मदिवस-

विश्व पशु दिवस 4 अक्टूबर के दिन जानवरों के महान संरक्षक असीसी केसेंट फ्रांसिस का जन्मदिवस भी मनाया जाता हैं l असीसी केसेंट फ्रांसिस जानवरों के महान संरक्षक मे से एक माने जाते थे l

हेनरिक जिमरमन ने मनाया था पहली बार विश्व पशु दिवस-

विश्व पशु दिवस को सर्वप्रथम हेनरिक जिमरमन ने 24 मार्च 1925 को जर्मनी के बर्लिन में स्थित स्पोर्ट्स पैलेस मनाया था l लेकिन 1931 में फ्लोरेंस, इटली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पशु संरक्षण सम्मेलन ने इस दिवस को 4 अक्टूबर को मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके बाद अंतर राष्ट्रीय पशु दिवस प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को मनाए जाने लगा l प्रस्ताव पारित होने के बाद यूनाइटेड नेशंस ने पशु कल्याण पर एक सार्वभौम घोषणा के नियम एवं निर्देशों के अधीन अनेक अभियानों की शुरुआत भी की l

भिन्न-भिन्न जगहों पर संस्कृति के आधार पर कार्यक्रमों का किया जाता है आयोजन-

पशुओं और मनुष्यों के बीच आपसी संबंध बनाने के लिए और उनके संरक्षण के लिए विश्व भर में वहां की संस्कृति के आधार पर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है l कार्यक्रम के तहत पशुओं के अधिकार और मानव के साथ उसके संबंध को जोड़ने के लिए लोगों को कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक किया जाता है l आयोजित होने वाले इस कार्यक्रमों में मुख्य रुप से लोगों के बीच जानवरों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने और समझने के लिए सम्मेलन,पशु आश्रयों का उद्घाटन, पशु कल्याण के साथ सामुदायिक समारोहों में चर्चाओं का विषय आदि कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है l

इस दिवस को मनाने की परंपरा में आई है सुधार-

शुरुआती दौर की अपेक्षा आज के समय में इस दिवस को मनाने को लेकर काफी वृद्धि हुई है क्योंकि प्रारंभिक 2003 में यह दिवस महज 13 देशों मे मनाया जाता था लेकिन वर्तमान समय में यह दिवस 100 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है l