18+ डेस्क|
चार प्रकार का होता है ऑर्गैज्म
कई अलग-अलग रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि सेक्स के दौरान कुछ महिलाओं को एक से अधिक बार भी ऑर्गैज्म हो सकता है। जबकि कुछ महिलाओं को इस स्थिति तक पहुंचने में बहुत वक्त लगता है या कम ही बार उन्हें यह फील हो पाता है। खैर, एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह स्थिति हर किसी के लिए अलग होती है। साथ ही महिलाओं में ऑर्गैज्म चार प्रकार का होता है।
क्लिटोरल ऑर्गैज्म
क्लिटोरल ऑर्गैज्म सबसे जल्दी और फास्ट तरीके से होने वाला ऑर्गैज्म माना जाता है। वजाइना में क्लिटोरिस पर फिंगर, टंग या सेक्स टॉय का लाइट, सर्कुलर और लगातार टच किसी महिला को बहुत जल्द ऑर्गैज्म फील करा सकता है। यह ऑर्गैज्म इस ऐक्ट को जल्द पूरा करनेवाला नहीं बल्कि इसकी नीड बढ़ाने वाला भी माना जाता है।
जी-स्पॉट ऑर्गैज्म क्लिटोरल ऑर्गैज्म से थोड़ा इनर और डीप होता है। जी-स्पॉट वजाइना में एक से दो इंच अंदर की तरफ होता है। यह वजाइना की इनर वॉल होती है।
फीमेल इजैक्युलेशन
फीमेल इजैक्युलेशन को squirting भी कहा जाता है। इसका अनुभव अधिकतर महिलाएं करती हैं। इसके बाद फिजिकल सेटिस्फेक्शन के साथ ही अक्सर इमोशनल सेटिस्फेक्शन भी फील होता है।
सर्विकल ऑर्गैज्म
सर्विकल ऑर्गैज्म को बेस्ट ऑर्गैज्म माना जाता है। सर्विकल ऑर्गैज्म के दौरान महिलाओं को शांति, सुख और खुशी का अहसास होता है। सर्विक्स गर्भाशय और यूट्रस के बीच एक कड़ी की तरह काम करती है। इस ऑर्गैज्म तक पहुंचने के लिए मिशनरी सेक्स पॉजिशन को बेस्ट माना जाता है।