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समाजवादी पार्टी और गठबंधन में उसके सहयोगी रहे दलों की खटास बढ़ती नज़र आ रही है

 उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम आने के बाद से ही समाजवादी पार्टी और गठबंधन में उसके सहयोगी रहे दलों की खटास बढ़ती गई। यह मामला अब गठबंधन से बाहर होने के स्तर पर आ गया है। महान दल के समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ने के बाद अब बारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ बीते दिनों अखिलेश यादव की टिप्पणी के बाद बढ़ी रार गुरुवार को यशवंत सिन्हा के आगमन पर सामने आ गई। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायक विपक्ष के राष्ट्रपति प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के साथ बैठक में शामिल नहीं हुए थे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लखनऊ में सपा गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक में सुभासपा को न बुलाए जाने से स्थिति और बिगड़ी है।

वर्तमान हालात को देखते हुए सुभासपा ने शुक्रवार को मऊ में पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस आपातकालीन बैठक में आर या पार का फैसला होगा। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मेरी तो चाचा (शिवपाल सिंह यादव) से भी बात हुई थी। उन्होंने बताया कि यशवंत सिन्हा के साथ होने वाली बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि बुलाया नहीं तो मैं क्यों जाऊं। जहां से निमंत्रण होगा वहां जाएंगे। राजभर ने कहा कि आजमगढ़ में लोकसभा उप चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का कमांडर यानी मैं तो मौजूद था, लेकिन सपा का कमांडर अखिलेश यादव गायब था। एसी में बैठकर आनंद ले रहा था।