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उप्र विधानसभा के बजट सत्र में 61 घण्टे 41 मिनट तक चली सदन की कार्यवाही

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। बजट सत्र 13 फरवरी को शुरु हुआ था। सोलह दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठकें हुईं, जिसमें 61 घण्टे 41 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली।

सत्र की समाप्ति के बाद विधानसभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि 10 दिन के उपवेशनों में सदन को कुल 142 अल्पसूचित प्रश्न, 1066 तारांकित प्रश्न और 1091 अतरांकित प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें से 584 प्रश्नों के उत्तर सदन में दिए गये।

दीक्षित ने बताया कि सत्र के दौरान नियम-301 की कुल 413 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें से 259 स्वीकृत हुईं। वहीं नियम-51 के अन्तर्गत 632 सूचनाएं मिलीं, जिनमें 80 स्वीकृत हुई और 375 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया। इसी तरह नियम-56 के अन्तर्गत 78 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 22 ग्राह्यता हेतु सुनी गयीं और 34 पर ध्यानाकर्षण हुआ। अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सरकार को प्रेषित किया गया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में 1416 याचिकाएं प्राप्त हुईं जिनमें से 1259 ग्राह्य होकर सदन में प्रस्तुत की गयीं।

विधानसभा अध्यक्ष सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि कार्यवाही में समयावधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती है। बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

दीक्षित ने बताया कि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं समेत 68 सदस्यों ने भाग लिया। वित्तीय वर्ष 2020-21 की बजट चर्चा में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं सहित 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बजट में कुल 11 विधेयक पारित किए गये, जिनमें पक्ष विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई। विपक्ष द्वारा अपनी मांग उठाकर तर्क प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश कुमार खन्ना ने उठाये गये प्रश्नों पर समाधान परक उत्तर दिये।

अध्यक्ष के अनुसार कानून व्यवस्था के प्रश्न पर विधान सभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद-विवाद हुआ। बेशक, विपक्ष के अपने आंकड़े और तथ्य रहे हैं ओर सरकार के अपने, लेकिन वाद-विवाद में सभा की रूचि और गम्भीरता आकर्षण का विषय बनी रही। सभा में किसानों की समस्यायें भी पूरी सिद्दत के साथ उठायी गयी। छुट्टा जानवरों की समस्या, आलू किसानों और गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही गम्भीर दिखायी पड़े। विद्युत, कृषि, प्रशासन, जल आपूर्ति सहित अविलम्बनीय महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधान सभा में गम्भीर वाद-विवाद हुआ। इस सदन की यह विशेषता रही कि व्यवधान बहुत कम हुआ। पक्ष विपक्ष के सदन संचालन में अप्रतिम योगदान रहा।

दीक्षित ने तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सदन में उपस्थिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट की चर्चा में उपस्थित होकर सदन में उठाये गये विषयों पर अपना विस्तृत उत्तर भाषण दिया। इसके अतिरिक्त भी समय-समय पर सदन के तमाम महत्वपूर्ण उठने वाले विषयों पर हस्तक्षेप करते हुए सदन की आशंकाओं का समाधान किया।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने सदस्यों की विधायक निधि को 02 करोड़ से बढ़ाकर 03 करोड़ की घोषणा की है। सदस्यों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए संसदीय कार्यमंत्री की अध्यक्षता में विचार के लिए एक समिति की घोषणा की।

अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी, नेता बहुजन समाज पार्टी, लाल जी वर्मा, नेता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आराधना मिश्रा ‘मोना’ व नेता अपना दल नील पतन पटेल एवं सुहेल देव पार्टी के नेता, ओम प्रकाश राजभर सहित सभी दलीय नेताओं की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष निरंतर सदन में मौजूद रहे। अधिकांश उठने वाले मुद्दों पर हस्तक्षेप करते हुए बड़े ही महत्वपूर्ण एवं सामायिक सुझाव दिए। उससे सदन के सदस्यों का ज्ञानवर्धन हुआ। नेता बहुजन समाज पार्टी लाल जी वर्मा ने महत्वपवूर्ण विषयों पर अपनी विशेष रूचि के साथ अधिकांश समय सदन में मौजूद रहे। प्रत्येक मुद्दों पर अपने बौद्विक ज्ञान से समस्याओं के कारगर हल के लिए सरकार को सुझाव दिए। कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ के दलीय नेता के रूप में मुद्दों को सफलतापूर्वक एवं कारगर ढंग से उठाने की प्रशंसा की। इसी तरह नील रतन पटेल के सहज स्वभाव एवं समय के अन्तर्गत अपने विषय को रखने के बारे में उनकी कार्यपद्वति को सराहा। ओम प्रकाश राजभर के मधुर मुस्कान एवं प्रभावकारी ढंग से मुद्दों को उठाने के प्रति प्रशंसा भाव व्यक्त किया।

अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश कुमार खन्ना द्वारा विपक्ष से उठाये गये 56, 51, 301 सहित अनेक प्रकार की सूचनाओं और बिलों के पारण की बहसों पर उत्तर देकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके लिए उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री की भी प्रशंसा की। अध्यक्ष ने विधाान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सदन संचालन में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।